(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मनोज वाजपेयी बोले- कई फिल्मों में 'विलेन' अपनी छाप ऐसे छोड़ते हैं जो 'हीरो' से आगे होती है
Jaipur News: अभिनेता मनोज वाजपेयी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आयोजित एक सत्र, ‘प्योर इविल: द बैड मैन ऑफ़ बॉलीवुड’ में हिस्सा लिया.
Jaipur Literature Festival: नेशनल अवार्ड से सम्मानित अभिनेता मनोज वाजपेयी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 15वें संस्करण में आयोजित एक सत्र, ‘प्योर इविल: द बैड मैन ऑफ़ बॉलीवुड’ में हिस्सा लिया. इस सत्र का शीर्षक, बालाजी विट्ठल की किताब से लिया गया. बालाजी की अन्य किताब, आरडी बर्मन: द मैन, द म्यूजिक नेशनल अवार्ड से सम्मानित है.
सत्र में लेखिका व पत्रकार, प्रज्ञा तिवारी ने बालाजी व मनोज से बात करते हुए हिंदी सिनेमा के खलनायकों पर विस्तार से बात की बालाजी ने अपनी किताब में, हर दौर के सिनेमा में उभरे खलनायकों और उनकी परिस्थितियों पर एक अलग अलग तरह का नजरिया श्रोताओं के सामने रखा है.
Pure Evil: द बैड मैन ऑफ बॉलीवुड में लिया हिस्सा
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 15 वें संस्करण में आयोजित एक सत्र, ‘प्योर इविल: द बैड मैन ऑफ़ बॉलीवुड’ में हिस्सा लिया अपने निभाए लोकप्रिय किरदार की बात करते हुए मनोज वाजपेई ने बताया कि ‘सत्या’ का भीखू महात्रे कोई पारम्परिक खलनायक नहीं था वो एक बहुत ही प्यारा इन्सान था. जो मजबूरियों की वजह से ऐसा खलनायक था भीखू ने फिल्मों में ‘ग्रे शेड’ को उभारा, जहां न तो नायक दूध का धुला था और न नायक कोई बहुत बुरा इन्सान.
मनोज ने ‘अक्स’, ‘राजनीति’, ‘गैंगस्टर ऑफ़ वासेपुर’ जैसी उम्दा फिल्मों के माध्यम से अपने किरदार की गहराई और कई परतों पर बात करते हुए अपने अनुभव साझा किए. फिल्मों में अपनी गंभीर भूमिका अदा करने वाले मनोज वाजपेई ने कहा कि मैंने घर फिल्म के किरदार को अपने में ढाला है. कई तरह की फिल्मों में विलेन का किरदार अलग-अलग है. वहीं कई खास फिल्मों में विलेन अपनी छाप ऐसे छोड़ते हैं जो हीरो से भी आगे होती है.
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