हैदराबाद: हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक (वेटनरी डॉक्टर) के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. भारी पुलिस सुरक्षा के बीच आरोपियों को शादनगर थाने से चंचलगुडा सेंट्रल जेल भेजा गया. चारों युवक पर आरोप है कि गैंगरेप को अंजाम देने के बाद लड़की को आग के हवाले कर दिया. चारों लॉरी मजदूर हैं.
हैदराबाद पुलिस के मुताबिक, महिला अस्पताल गई थी और बुधवार शाम घर लौट आई थी. वह शाम को पांच बजकर करीब 50 मिनट पर दूसरे क्लिनिक के लिए रवाना हुई और अपनी दोपहिया गाड़ी शमशाबाद टोल प्लाजा के पास खड़ी कर साझेदारी वाली (शेयर्ड) कैब ली.
उसकी छोटी बहन ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि महिला ने बुधवार रात नौ बजकर 22 मिनट पर उसे कॉल की थी और कहा था कि वह अब भी टोल प्लाज़ा पर है और किसी ने उससे कहा है कि उसकी स्कूटी के पहिए की हवा निकल गई है और मदद की पेशकश की है.
उसने अपनी बहन को यह भी बताया था कि वह डर रही है, क्योंकि पास में एक लॉरी है और जिन्होंने उसकी मदद करने की पेशकश की थी वे गाड़ी के पास हैं. शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने रात नौ बजकर 44 मिनट पर फिर अपनी बहन को फोन किया लेकिन तब फोन बंद था. इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया.
पशु चिकित्सक का शव हैदराबाद-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पुलिया के पास गुरुवार को मिला जो उस टोल प्लाजा से करीब 25 किलोमीटर दूर है जहां वह आखिरी बार देखी गई थी.
गैंगरेप और हत्या की वारदात जिसने भी सुनी दिल दहल गया और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और निकाय प्रशासन मंत्री के टी रामा राव ने कहा कि वह मामले पर व्यक्तिगत तौर पर नजर रखेंगे.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना पर हैरानी जताते हुए इसे खौफनाक और बिना उकसावे की हिंसा बताया और कहा कि यह कल्पना से परे है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि वह इस मामले के मद्देनजर सभी राज्यों को परामर्श जारी करेगा कि वे महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एहतियाती कदम उठाएं.
विरोध प्रदर्शन
बड़ी संख्या में लोगों ने उस थाने के बाहर प्रदर्शन किया जहां महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के आरोपियों को बंद किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को ‘कड़ी’ सजा की मांग की. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शादनगर पुलिस थाने के बाहर एकत्रित हुए और आरोपियों के खिलाफ नारेबाजी की. इनमें से कुछ लोगों ने मांग की कि आरोपियों को मौत की सजा दी जाए. स्थानीय बार एसोसिएशन ने आरोपियों को कोई भी विधिक सहायता उपलब्ध नहीं करने का फैसला किया है.
वहीं दिल्ली में बढ़ते अपराधों से नाराज एक युवती ने संसद के बाहर फुटपाथ पर धरना दिया. पुलिस ने बताया कि युवती की पहचान अनु दुबे के तौर पर हुई है, जो संसद के प्रवेश द्वार 2-3 के समीप फुटपाथ पर हाथ में एक तख्ती लिए बैठी थी, जिस पर लिखा था ‘‘मैं अपने भारत में सुरक्षित क्यों नहीं महसूस करती.’’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उसे जंतर मंतर जाकर प्रदर्शन करने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया. इसके बाद उसे पुलिस अपनी गाड़ी में संसद मार्ग स्थित थाने ले गई. इस दौरान युवती की आंखे नम थी. उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारियों ने युवती की बात सुनी और उसके बाद उसे छोड़ दिया गया.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला की पिटाई की. मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘हैदराबाद में बलात्कार की भयावह घटना से परेशान जब एक छात्रा अपनी आवाज उठाना चाहती थी तो दिल्ली पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और पिटाई की. मैंने पुलिस थाने में लड़की से मुलाकात की, वह डरी हुई है. यह दिखाता है कि उन लोगों का ऐसा ही हश्र होगा जो आवाज उठाते हैं?’’
मंत्री के बयान पर विवाद
इस बीच, तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने अपनी इस कथित टिप्पणी से विवाद पैदा कर दिया कि महिला को अपनी बहन की बजाय पुलिस को फोन करना चाहिए था. हालांकि, अली के करीबी सूत्रों ने कहा कि मंत्री सिर्फ यह कहना चाह रहे थे कि पुलिस को सूचित करने से उसकी मदद हो सकती थी. अली ने पशु चिकित्सक के माता-पिता से मुलाकात की.