नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा संसद सत्र सोमवार यानी 18 नवंबर से शुरू हो रहा है. सरकार उम्मीद कर रही है कि यह सत्र भी पिछले सत्र की तरह ही काम के लिहाज से सफल सत्र साबित हो. सरकार इस सत्र में 27 नए बिल लाने की तैयारी कर रही है.
1- द सिटीजनशिप बिल
2- द नेशनल रिवर गंगा बिल
3- टैक्सेशन लॉ बिल
4- प्रोहिबिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बिल
5- पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल
6- मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी बिल
7- एयरक्राफ्ट बिल
8- कंपनीज बिल
9- दी कंपटीशन बिल
10- इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बिल
11- द माइन्स एंड मिनिरल बिल
12- एंटी मैरिटाइम पायरेसी बिल
13- द इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर अथॉरिटी बिल
14- द मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी बिल
15- द हेल्थ केयर सर्विस पर्सनल एंड क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट बिल
16- द असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी बिल
17- द नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी बिल
18- द डिजास्टर मैनेजमेंट बिल
19- द इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड बिल
20- द माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डेवलपमेंट बिल
21- द कॉन्स्टिट्यूशन ऑर्डर बिल
22- द जूविनाइल जस्टिस अमेंडमेंट बिल
23- द रीसाइक्लिंग ऑफ शिप्स बिल
24- द सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी बिल
25- द पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल
26- द मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन बिल
27- द आर्म्स एक्ट बिल
इन 27 नए बिलों के अलावा लोकसभा में पहले से लंबित 2 बिल और राज्यसभा में पहले से लंबित 10 बिलों को इसी सत्र में पास करवाने की सरकार कोशिश करेगी . इसी सिलसिले में शनिवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने और रविवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. बैठक में सभी दलों के साथ चर्चा कर एक आम सहमति बनाने की कोशिश की गई कि कैसे लोकसभा और राज्यसभा से नए और पहले से लंबित बिलों को पास करवाया जा सके.
बैठक में पहुंची विपक्षी पार्टियों ने साफ तौर पर कहा कि वह सरकार का सहयोग करेंगे लेकिन अगर जनता के हितों से जुड़े हुए मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो फिर हंगामे की स्थिति भी बन सकती है. विपक्षी पार्टियों ने इस बैठक के दौरान कहा कि वह चाहते हैं कि मौजूदा सत्र में बेरोजगारी, महंगाई, किसानों के उत्पादों का उचित मूल्य जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हो. सत्र के दौरान जिस तरीके से कश्मीर से जुड़े बड़े नेताओं को नजरबंद रखा गया है उस मुद्दे को लेकर भी विपक्ष हंगामा कर सकता है. चर्चा इस बात की भी चल रही है कि हो सकता है सरकार इस सत्र के दौरान राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को लेकर भी बिल पेश करें जिसे की राम मंदिर ट्रस्ट को संवैधानिक दर्जा दिया जा सके.