नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चार दोषियों में एक विनय कुमार शर्मा की याचिका खारिज कर दी . इस याचिका में उसने दावा किया था कि वह मानसिक बीमारी से जूझ रहा है और उसे उपचार की जरूरत है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी विनय कुमार शर्मा द्वारा दाखिल याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि ''मौत की सजा के मामले में चिंता और डिप्रेशन सामान्य है. निस्संदेह दोषी को पर्याप्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराई गई है.''


कोर्ट की तरफ से याचिका खारिज किये जाने के बाद 2012 दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि उनके (दोषी) इलाज का कुछ नहीं था. वो सिर्फ केस को डिले करने की कोशिश थी. 7 साल बाद आज इन लोगों को कोर्ट में अपनी पत्नी, बहन, मां की याद आई. वो बच्ची भी किसी की बहन-बेटी थी मैं भी किसी की बेटी और पत्नी हूं, 7 साल से कोर्ट के धक्के खा रही हूं.


याचिका में दावा किया गया था कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दायीं बांह टूटी हुई है और उसपर प्लास्टर है. वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने उसके दावों को ‘‘तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा’’ बताया और अदालत से कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है.


जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गयी और सभी ठीक हैं. निर्भया मामले के दोषियों को तीन मार्च की सुबह छह बजे फांसी हो सकती है. अदालत ने 17 फरवरी को नया मृत्यु वारंट जारी किया था.


निर्भया मामला: कोर्ट ने जारी किया नया डेथ वारंट लेकिन दोषियों की फांसी पर अब भी सस्पेंस