नई दिल्ली: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया की आत्मकथा 'राकेश मारिया - let me say it now' चर्चा में है. इस किताब पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा कांग्रेस को साल 2014 औऱ 2019 में भुगतना पड़ा. जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया. मारिया की किताब पर पीयूष गोयल ने कहा कि ये बातें उन्हें तब बोलनी चाहिए थीं जब वो पुलिस कमिश्नर थे. गोयल ने सवाल किया कि मारिया ने ये सब बातें अभी क्यों बोली?


पीयूष गोयल ने कहा, ''पहली बात तो ये कि मारिया जी ने ये सब बात अभी क्यों बोली. जब वो पुलिस कमिश्नर थे तब उन्हें ये सब बातें बोलनी चाहिए. वास्तव में सर्विस रूल्स में अगर कोई जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास है तो उनके उसके ऊपर एक्शन लेना चाहिए था. मेरे ख्याल से बहुत गहरी साजिश रची गई थी कांग्रेस द्वारा, यूपीए द्वारा. झूठ और फरेब का एक और नमूना उस समय हमने देखा था जब उन्होंने पूरी तरीके से झूठा हिंदू टेरर...चिदंबरम साहब के कहने पर खड़ी करने की कोशिश की थी. मैं निंदा करता हूं कांग्रेस का और सभी उन लोगों का जो हिंदू टेरर के झूठे आरोपों से उस समय देश को गुमराह करने की कोशिश की थी. उसका खामियाजा उन्हें 2014 में और 2019 में...देश की जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया. मैं समझता हूं टेरर का कोई धर्म नहीं होता. टेरेरिस्ट, टेरेरिस्ट होता है और झूठे आरोपों पर कुछ लोगों को जो फंसाने की कोशिश कांग्रेस ने की थी उसकी हमारी सरकार घोर निंदा करती है.''





दरअसल, इस किताब में मारिया ने 26/11 हमले के बाद एक मात्र पकड़े गए जिंदा आतंकी अजमल कसाब को लेकर बड़ा खुलासा किया है. इसमें उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का चोला पहनाने कोशिश की थी. 10 हमलावरों को हिंदू साबित करने के लिए उनके साथ फर्जी आईकार्ड भेजे गए थे.


मारिया के मुताबिक मुंबई पुलिस आतंकी कसाब की फोटो या अधिक जानकारी जारी नहीं करना चाहती थी. पुलिस ने पूरी कोशिश की थी कि आतंकी की डिटेल मीडिया में लीक न हो. रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी का ये भी दावा है कि कोर्ट ट्रायल के दौरान पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हो रहा था इसलिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गैंग को कसाब को मारने की सुपारी मिली थी.