नई दिल्लीः सावरकर को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत के बयान के बाद शिवसेना, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आमने-सामने आ गई है. कांग्रेस ने कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी इस बात को मिटाई नहीं जा सकती और अगर नरेंद्र मोदी की सरकार उन्हें 'भारत रत्न' देती है तो पार्टी विरोध करेगी. वहीं बीजेपी का कहना है कि हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर महज कोई 'व्यक्ति नहीं बल्कि एक सोच' थे जिनकी प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं होगी.
शिवसेना सेना संजय राउत ने कहा है कि जो लोग हिंदूवादी विचारक वीडी सावरकर को भारत रत्न दिये जाने का विरोध कर रहे हैं उन्हें अंडमान की सेल्युलर जेल में दो दिन गुजारने के लिए भेजा जाना चाहिए जहां स्वतंत्रता सेनानी को कारावास के दौरान रखा गया था. यहां ध्यान रहे कि महाराष्ट्र में शिवसेना को कांग्रेस समर्थन दे रही है और कांग्रेस सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का विरोध कर रही है.
संजय राउत का बयान
संजय राउत के इस बयान से वैचारिक रूप से अलग कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में साझेदारी कर रही उनकी पार्टी के लिये मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. कांग्रेस सावरकर को देश का शीर्ष नागरिक सम्मान दिये जाने के विरूद्ध है जबकि दक्षिणपंथी दल उन्हें बड़े सम्मान की नजर से देखते हैं.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''सावरकर के विरोधियों को ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें हुई कठिनाइयों को समझने के लिए (पिछली) अंडमान सेल्युलर जेल में दो दिन गुजारना चाहिए.''
कांग्रेस का पलटवार
संजय राउत के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया और कहा कि भारत रत्न की मांग करने वाले लोग खुद अंडमान जेल में जा कर देखें लोगो ने सजा पूरी की अपने प्राण दिए, माफी नही मांगी. अगर भारत रत्न देने की बात आई तो इनको पहले देना पड़ेगा. सावरकर हमें मान्य नहीं है और विरोध जारी रहेगा.
बीजेपी का बयान
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''महान स्वतांत्र्यवीर सावरकर महज इंसान भर नहीं थे बल्कि एक सोच थे और उस सोच को कभी इतिहास नहीं बनाया जा सकता है. यह हमारे वर्तमान एवं भविष्य में जारी रहेगी.''
आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?
फडणवीस के बयान से कुछ घंटे पहले युवा सेना के अध्यक्ष और राज्य के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा था कि किसी को भी अतीत के पन्ने नहीं पलटना चाहिए. आदित्य शिवसेना सांसद संजय राउत के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि जो लोग सावरकर को भारत रत्न दिये जाने का विरोध कर रहे हैं उन्हें अंडमान की सेल्युलर जेल में दो दिन गुजारने के लिए भेजा जाना चाहिए जहां स्वतंत्रता सेनानी को कारावास के दौरान रखा गया था.