महिला दिवस के मौके पर एबीपी न्यूज़ ने देश का नाम रौशन करने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए एबीपी शक्ति सम्मान का आयोजन किया है. इस सम्मान समारोह में एबीपी न्यूज़ ने संचिका पांडे, डॉक्टर सीमा राव, राजकुमारी देवी, दीपा मलिक, डॉ चित्रा राजगोपाल और आरोही पंडित को सम्मानित किया है. यहां जानिए इन बहादुर महिलाओं की कहानियों के बारे में.


ABP Shakti Samman: Sunchika Pandey, वो शख्स जिसकी वजह से मुंबई पुलिस के होते हैं चर्चे


संचिका पांडे- मुंबई पुलिस और सोशल मीडिया को आपस में जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी. 37 साल की संचिका पांडे उस टीम की अहम कड़ी है, जिसने मुंबई पुलिस को अपना ट्विटर हैडल लॉन्च करने में मदद की.. इतना ही नहीं मुंबई पुलिस का ये ट्विटर हैंडल पुलिस-प्रशासन और शहर से जुड़ी जरूरी खबरें जानने की जगह बन गया. जो पुलिस असल जिंदगी में मुंबई की हीरो है, वो संचिका जैसे लोगों की वजह से सोशल मीडिया पर कभी हार नहीं मानती. लोगों की समस्याएं सुलझाना हो या किसी गंभीर मुद्दे को हल्के अंदाज में लोगों तक पहुंचाना हो, ये सारा जिम्मा संचिका और उनकी टीम के हवाले है.


संचिका आमिर खान के टीवी शो 'सत्यमेव जयते' का हिस्सा भी रहीं और अब संचिता का काम मुंबई पुलिस के ट्वीट की शक्ल में बोलता है और बताता है कि नाम भले ही किसी और का हो लेकिन दिमाग उस महिला का है, जिसने बंदिशों को मात देकर बनाया है अपना खास मुकाम.

ABPShaktiSamman: हमेशा नया करने में विश्वास रखती हैं भारत की 'वंडर वुमेन' Seema Rao


डॉक्टर सीमा राव या कहें भारत की वंडर वुमन.. भारत की पहली महिला कमांडो ट्रेनर, जो कॉम्बेट शूटिंग इस्ट्रक्टर है. 8th Degree Military Martial Arts में Blackbelt भी सीमा राव के नाम है. डॉक्टर सीमा दुनिया की उन चुनिंदा इंस्ट्रक्टर्स में से हैं जिन्हें जीत कुन दो- कॉम्बैट तकनीक सिखाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है . सीमा राव Mrs India World Beauty Pageant की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं.


डॉ. सीमा मानती हैं कि महिलाओं को अपनी ताकत का एहसास करके उसे बाहर लाना चाहिए, तभी वे जिंदगी में आगे बढ़ पाएंगी, डॉ सीमा ने हमेशा नई चुनौतियों का सामना किया और कुछ नया कर दिखाया...तभी दुनिया ने आपको कहा – सीमा राव – द वंडर वुमेन.



ABP Shakti Samman: काफी प्रेरणादायक है साइकिल चाची के नाम से मशहूर Rajkumari Devi के सफलता की कहानी


साइकल चाची- बिहार के मुजफ्फरपुर की राजकुमारी देवी को लोग कुछ इसी नाम से पहचानते हैं. राजकुमारी देवी ने अपनी मेहनत और कोशिशों से पुरानी रुढ़ियों को तोड़ने मे कामयाबी हासिल की. वे सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश के लिए एक मिसाल हैं. राजकुमारी देवी ने महिलाओं को सशक्त और आर्थिक रुप से स्वावलंबी बनाने के लिए खेती का सहारा लिया.


उन्होंने डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय से खेती करने का वैज्ञानिक तरीका सीखा. खेत में उगने वाली फल-सब्जियों के इस्तेमाल से आचार, जैम जैसे सामान बनाए. वैकल्पिक आय के लिए किया गया ये प्रयोग सफल रहा और उन्होंने इसमें दूसरी महिलाओं को भी शामिल किया. लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वे साइकिल से जाती हैं और इस तरह नाम पड़ा-साइकिल चाची. वो चाची जो सबकी चिंता करती है और अपने साथ जुड़ी हर महिला को सश्क्त बनाती चलती है.



ABP Shakti Samman: पैरा एथलीट Deepa Malik ने दुनिया को सिखाया- जिंदगी टूटकर बिखरने का नाम नहीं


दीपा मलिक- वो नाम जो जिंदगी में कभी ना हारने की सीख देता हैं.. वो शख्स जो धारा के विपरीत बहा और छा गया. दीपा मलिक राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाली पहली भारतीय पैरा एथलीट हैं. 30 साल की उम्र में पैरालिसिस का अटैक, जिसके बाद 31 ऑपरेशन हुए लेकिन दीपा व्हीलचेयर से उठ ना सकी. इसके बाद भी दीपा ने हार नहीं मानी और कुछ कर दिखाने का फैसला किया और खेल के मैदान में उतर गईं.


दीपा जब जब व्हीलचेयर पर खेल के मैदान में उतरी तो हाथ में पकड़े भाला और शॉटपुट से लक्ष्य ही नहीं भेदा.. उन लोगों के सवालों को भी भेद दिया जिन्होंने उनकी हिम्मत पर सवाल उठाए. दीपा के रिकॉर्ड उनको मिले अवॉर्ड जज्बे की नायाब कहानी कहते हैं.


एक सैन्य अफसर की पत्नी और दो बच्चों की मां.. उन सबके लिए एक मिसाल है जो कमजोर वक्त में टूटकर बिखर जाते हैं. दीपा दुनिया को मिसाल दे रही हैं कि जिंदगी टूटकर बिखरने का नाम नहीं, अपने खून के आखिरी कतरे तक कुछ कर गुजरने का नाम है.



ABP Shakti Samman: वैज्ञानिक Dr. Chitra Rajagopal के नाम दर्ज है कई कीर्तिमान


डॉ चित्रा राजगोपाल रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम है. इनकी विशिष्ट वैज्ञानिक क्षमताओं और योग्यताओं को ध्यान में रखते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि DRDO का महानिदेशक बनाया गया. महानिदेशक के रुप में DRDO मुख्यालय में सात कॉरपोरेट निदेशालयों के कामकाज की देखरेख करती हैं.


डॉ चित्रा को साल 2010 में DRDO साइंटिस्ट ऑफ द इयर, साल 2019 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के द्वारा प्रतिष्ठित इंजीनियर्स अवार्ड 2019 से सम्मानित किया जा चुका है. 55 अंतरराष्ट्रीय और 49 राष्ट्रीय प्रकाशनों से डॉ. चित्रा की काबिलियत का पता चलता है. इतना ही नहीं, डॉ चित्रा के नाम पर दर्ज 12 पेटेंट विज्ञान के क्षेज्ञ में इनकी अनुसंधान क्षमताओं का दर्शाता है.

ABP Shakti Samman: दो महासागर पार करने वाली पहली महिला पायलट Arohi Pandit की कहानी


आरोही, यानि ऊपर की ओर जाने वाली.. अपने नाम और उसके अर्थ को साकार किया है 23 साल की आरोही पंडित ने. मुंबई की आरोही पंडित लाइट पोट एयराट (एलएसए) में अटलांटिक महासागर पर अकेले उड़ान भरने वाली दुनिया की पहली महिला पायलट बन गईं. वो तारीख थी 13 मई 2019.. जब आरोही ने ब्रिटेन के विक में उड़ान भरी और ग्रीन लैंड और आइसलैंड जैसे दुर्गम स्थान पार करते हुए पांच चरण में अपना ये मिशन पूरा किया. इस सफलता के बाद साल 2019 अगस्त में आरोही ने प्रशांत महासागर पार करने के बाद रूस के एनाडिर एयरपोर्ट पर लैंड किया. यहां तिरंगा लहराने के साथ ही आरोही दो महासागर पार करने वाली पहली महिला बन गईं.