Rajasthan Politics: चित्तौड़गढ़ में 8 कांग्रेस पार्षदों ने कार्यवाहक सीएम अशोक गहलोत को सौंपा इस्तीफा, बताई ये बड़ी वजह
Rajasthan Congress: राजस्थान चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद कांग्रेस में समीक्षाओं का दौर जारी है. चित्तौड़गढ़ जिले के 8 पार्षदों ने इस्तीफा सौंप दिया है.
Chittorgarh Congress Councillor Resignation: राजस्थान विधानसभा चुनाव में रिवाज नहीं बदला, लेकिन राज बदल गया है. कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी ने शानदार वापसी की है. बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाया है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में खलबली मच गई. कांग्रेस नेता हार का विश्लेषण करने में जुटे हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद चित्तौड़गढ़ जिले के 8 पार्षदों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. चित्तौड़गढ़ के अलावा कई अन्य जगहों से भी इस्तीफे सामने आने की चर्चाएं बनी हुई हैं. आइए जानते हैं यहां के कांग्रेस पार्षदों ने इस्तीफा क्यों दिया?
दरअसल, उदयपुर नगर परिषद के 8 पार्षदों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम इस्तीफा सौंपा है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि यहां के पर सभी मनोनीत पार्षद थे, जिन्हें नगर परिषद में अनुशंसा पर लगाया गया है. इसी प्रकार अन्य भी कई पद हैं, जिन पर नियुक्ति राज्य सरकार की अनुशंसा पर किया गया था. यह सब भी इस्तीफा दे सकते हैं, क्योंकि राजस्थान में सरकार बदल गई है.
इस्तीफे में क्या लिखा पार्षदों ने?
त्यागपत्र में पार्षदों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संबोधित करते हुए लिखा है कि "हम कांग्रेस पार्टी के सकिय सदस्य हैं, पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत की अनुशंसा पर आपने हम प्रार्थीगणों को कांग्रेस राजस्थान सरकार में नगर परिषद चित्तौड़गढ़ में मनोनित पार्षद के पद पर नियुक्त किया था. जिसका हम सभी ने पूरी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी से उक्त पद पर कार्य किया है."
चित्तौड़गढ़ से कांग्रेस की हार
पत्र में आगे लिखा कि "वर्तमान में यानी साल 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव हुए. उसमें कांग्रेस की सरकार बदल जाने से हम अपने पद की गरिमा बनाये रखते हुए स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं." बता दें कि चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से सुरेंद्र सिंह जाड़ावत विधायक रह चुके हैं. इस बार चित्तौड़गढ़ सीट से कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था, हालांकि उन्हें बीजेपी के बागी नेता और निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनावी रण में चंद्रभान सिंह आक्या से हार का सामना करना पड़ा. चंद्रभान सिंह आक्या ने सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को 6823 वोटों के अंतर से हराया. यहां पर बीजेपी प्रत्याशी नरपत सिंह रजवी तीसरे स्थान पर रहे.
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