नई दिल्लीः बजट में सरकार द्वारा लाई गई दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम के लिए सरकार आधार को आधार बनाने की तैयारी कर रही है. काफी हद तक ये संभव है कि सरकार इस आयुष्मान भारत स्कीम के लिए आधार कार्ड को जरूरी कर सकती है.
इकोनॉमिक टाइम्स के सूत्रों के हवाले से ये खबर आई है कि सरकार ने सोचा है कि नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ लोगों तक स्वास्थ्य बीमा करने के लिए आधार को जरूरी दस्तावेज के तौर पर मांगा जा सकता है. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है.
हेल्थ स्कीम का बजट
इस स्कीम के लिए सरकार की हरेक परिवार के लिए सालाना 1000-1200 रुपये के खर्च से प्रीमियम देने की बात कही जा रही है जिसके चलते इस स्कीम पर करीब 11,000 करोड़ रुपये सालाना खर्च आने का अनुमान लगाया जा रहा है. फिलहाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सरकार द्वारा गरीब परिवारों को 30,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है.
आयुष्मान स्कीम में सरकार का हरेक परिवार के सदस्यों को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ बीमा कराने की योजना है. इसके जरिए करीब देश की 40 फीसदी आबादी यानी 50 करोड़ लोग इस स्कीम के अतंर्गत हेल्थ बीमा का फायदा ले सकेंगे. इस समय आधार को सभी सरकारी सेवाओं के लिए अनिवार्य बनाने पर न्यायलय में भी मामले चल रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि इन पर जल्दी फैसला आने के बाद सरकारी सेवाओं का फायदा लेने के लिए आधार को सबसे जरूरी दस्तावेज बनाया जा सकता है.