नई दिल्ली: कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सोने के गहनों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिये आने वाले बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की वकालत की है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज यह कहा. वित्त वर्ष 2018-19 का बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा.

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद-जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम कर 4 फीसदी करने की मांग की है जो फिलहाल 10 फीसदी है. देश के कुल निर्यात में इस क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान है.

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम हमेशा सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का प्रस्ताव करते हैं. हम इस मामले को हर समय उठाते हैं. हम वास्तव में सोने का बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं और हमें सोने के गहनों का बड़ा निर्यातक बनने की जरूरत है.’’ करीब 80 फीसदी इंपोर्टेड सोने की खपत ज्वैलरी इंडस्ट्री में होती है.

अधिकारी ने कहा, ‘‘आखिर हम बिना किसी रोक टोक के ज्यादा सोने का इंपोर्ट और उसके बाद वैल्यू एडेड सोने के प्रोडक्ट्स का निर्यात क्यों नहीं कर सकते. अगर ऐसा होता है तो मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वाले देशों से सोने के इंपोर्ट में अचानक बढ़त रुक जाएगी.’’

हाल में सुरेश प्रभु ने कहा था कि मंत्रालय निर्यात बढ़ाने और श्रम गहन क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने के लिये रत्न और आभूषण उद्योग की सलाह के साथ विचार-विमर्श कर एक पैकेज पर काम कर रहा है.

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