नई दिल्लीः साल 2018-19 का बजट पेश होने में सिर्फ 22 दिन बचे हैं. सबके मन में यही सवाल है कि इस सरकार के खजाने से आम जनता, कारोबारियों, गृहणियों, स्टूडेंट्स के लिए कुछ खास निकलेगा या नहीं? खासकर युवाओं को इस बार के बजट से ढेरों उम्मीदें हैं.
मोदी सरकार रोजगार के मोर्चे पर उतनी सफल अभी तक दिखाई नहीं दी है और युवाओं में खासतौर पर इसको लेकर रोष है. हालांकि हाल में ही सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं और इनके जरिए बड़े पैमाने पर नौकरियां दिलाने का भरोसा भी जताया है . फिलहाल के नौकरी के आंकड़ों को देखें तो जॉब क्रिएशन के लिए सरकार बजट में कुछ एलान करेगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है.
जानें बजट में नौकरियां बढ़ाने के लिए क्या एलान हो सकते हैं
- रोजगार बढ़ाने के लिए ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर, छोटी-मझोली इंडस्ट्री में नए रोजगार पैदा करने पर फोकस किया जाएगा.
- नई नीति के तहत एप्लॉइज पीएफ में एक हिस्सा सरकार दे सकती है.
- बजट में लेबर लॉ से जुड़ी शर्तों में ढील दी जा सकती है जिसके बाद नौकरीपेशा खासतौर पर कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को कुछ राहत की उम्मीद है.
- सरकार ऐसे एंप्लॉयर को इनकम टैक्स में छूट दे सकती है जो बड़े पैमाने पर नौकरी के मौके पैदा करेंगे.
- सरकार मेक इन इंडिया के तहत स्किल डेवलपमेंट और रोजगार की गारंटी दिलाने पर फोकस कर रही है और बजट में इससे जुड़ी कुछ घोषणाएं हो सकती हैं.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रोजगार की गारंटी वाली स्किल ट्रेनिंग पर सरकार सब्सिडी दे सकती है. अगर ऐसा हुआ तो बड़े पैमाने पर नई नौकरियों के बाजार में आने की उम्मीद है.
- नेशनल एंप्लॉयमेंट पॉलिसी के तहत सेक्टरवार जॉब क्रिएशन के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा सकता है और इसका खाका इस बजट में पेश किया जा सकता है.
रोजगार के आंकड़ों को अगर देखें तो साल 2015 में 1 लाख 35 हजार नौकरियां पैदा हुईं जो साल 2014 में 4 लाख 21 हजार थीं और साल 2013 में 4 लाख 19 हजार थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल देश की वर्कफोर्स में करीब 1 करोड़ युवा जुड़ रहे हैं और इनके लिए सरकार को नौकरी के अवसर मुहैया कराना बेहद बड़ी चुनौती है. अब साल दर साल नौकरी के ये आंकड़ें देखें तो साफ लगता है कि सरकार के लिए इतने युवाओं को रोजगार मुहैया कराना विशाल चुनौती है.
हालांकि मोदी सरकार रोजगार के लिए एक खास नीति तैयार कर रही है जिसके तहत नई नौकरी देने वालों को सरकार की तरफ से आर्थिक-वित्तीय मदद मिल सकेगी. सूत्रों के मुताबिक बजट में इसका एलान किया जा सकता है और इसके बाद नई नौकरियों के मौके बढ़ने की उम्मीद है.
इस बार का बजट देखा जाए तो काफी खास है क्योंकि ये मौजूदा मोदी सरकार का इस कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट है और जीएसटी लागू होने के बाद भी ये पहला बजट है.
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