नई दिल्लीः देश का बजट आने में बस 20 दिन बाकी हैं और वित्त मंत्रालय में इसको लेकर हलचल तेज हो गई हैं. बजट पेश करने के लिए आर्थिक जानकारों, अधिकारियों की पूरी टीम काम कर रही है. बजट पेश होने से पहले एक अहम हलवा सेरेमनी होती है जिसके बाद आधिकारिक तौर पर बजट छपाई के लिए भेजा जाता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली का ये 5 वां बजट है और वो 5वीं बार हलवा सेरेमनी को अटैंड करेंगे.
जानें क्या है हलवा सेरेमनी
प्रत्येक वर्ष बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी होती है जिसके पीछे कहा जाता है कि हर शुभ काम की शुरुआत मीठे से करनी चाहिए और भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ माना जाता है. हलवा सेरेमनी के तहत मौजूदा वित्त मंत्री खुद बजट से जुड़े कर्मचारियों, बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारियों और वित्त अधिकारियों को हलवा बांटते हैं. इस हलवे के बनने और बंटने के बाद ही बजट के दस्तावेजों के छापने की प्रक्रिया शुरू होती है.
बजट की छपने की प्रक्रिया के शुरू होने से लेकर बजट के संसद में रखे जाने तक इन अधिकारियों को किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है. इसके तहत नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिन तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी रहते हैं. उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती और किसी को उनसे मिलने की मंजूरी नहीं होती है.
बजट के छपने और इसके संसद के पटल पर रखने के बीच के दौरान अधिकारियों को अपने परिवार तक से मिलने की इजाजत नहीं होती है. नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिंटिंग प्रेस में इन अधिकारी-कर्मचारियों को लगभग लॉक कर दिया जाता है. यहां केवल एक लैंडलाइन होता है जिसपर इनकमिंग की सुविधा होती है और इसके अलावा उनसे संपर्क करने का कोई तरीका नहीं होता. संपर्क भी केवल आधिकारिक कार्य तक के लिए ही संभव होता है.