Rajasthan Protected Farming Mission: भारत में बागवानी फसलों (Horticulture crops) की खेती के लिये संरक्षित खेती (Protected Farming) का चलन बढ़ता जा रहा है. खेती में जोखिमों को कम करने के लिये ज्यादातर राज्यों में किसान पॉलीहाउस (Polyhouse), ग्रीन हाउस (Green House), लो टनल (Low Tunnel) और प्लास्टिक मल्चिंग (Plastic Mulching) लगाकर खेती कर रहे हैं. इस तकनीक से किसानों को ज्यादा पैदावार, कम समय में उत्पादन, पानी की बचत, कीड़े-बीमारियों से सुरक्षा और बेमौसमी फसलों की खेती करने की सुविधा मिलती है. इस आधुनिक खेती (Advanced Farming) की तकनीक का इस्तेमाल करने के लिये केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर किसानों को आर्थिक अनुदान(Subsidy on Farming) दे रही हैं. 




राजस्थान संरक्षित खेती मिशन
खासकर बात करें वीरभूमि राजस्थान की तो यहां लघु और सीमांत किसानों को राजस्थान संरक्षित खेती मिशन योजना के तहत संरक्षित खेती (प्लास्टिक मल्चिंग में खेती) करने के लिये 75% तक सब्सिडी दी जा रही है. यानी एक एकड़ के हिसाब से 24,000 रुपये का आर्थिक अनुदान किसानों को मिल रहा है.



  •  4,000 वर्गमीटर में लो टनल लगाकर खेती करने पर छोटे किसानों को भी 75% अनुदान का प्रावधान है.

  • पॉलीहाउस-ग्रीन हाउस में खेती करने के लिये भी राज्य के किसानों को अधिकतम 85% तक आर्थिक अनुदान दिया जा रहा है.

  • भविष्य में इस योजना में संरक्षित खेती करने वाले 10,000 और किसानों को जोड़ा जायेगा.

  • इस मिशन का उद्देश्य राज्य के किसानों को बेमौसमी फसलों की खेती के लिये प्रोत्साहित करना है. 



कहां करें आवदेन
राजस्थान संरक्षित खेती मिशन योजना का लाभ लेने के लिये राज्य के किसान अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. किसान चाहें तो राजस्थान कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट  https://agriculture.rajasthan.gov.in/content/agriculture/hi.html# पर भी आवेदन कर सकते हैं. ई-मित्र सेंटर पर भी योजना के लिये आवदेन करनी की सुविधा दी जाती हैं. ई-मित्र सेंटर पर सभी जरूरी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी लगाकर आवेदन कर सकते हैं. 



  • आधार कार्ड

  • बैंक खाते की पासबुक

  • खेत की जमाबंदी की कॉपी

  • मोबाइल नंबर

  • पासपोर्ट साइज फोटो


संरक्षित खेती के फायदे



  • आधुनिक खेती (Advanced Farming) की इस तकनीक के जरिये किसान 25-30% तक पानी, श्रम और संसाधनों की बचत कर सकते हैं.

  • इस तकनीक से उगने वाली सब्जियों के बाजार में बेहतर दाम मिल जाते हैं.

  • संरक्षित खेती के जरिये भूजल स्तर सुधरता और मिट्टी में नमी कायम रहती है.

  • इस तकनीक से खेती करने पर फसल में कीड़े और बीमारियों की संभावना भी कम होती है

  • संरक्षित ढांचे में तापमान को कंट्रोल कर सकते हैं, जिससे दूसरे मौसम की सब्जियां भी उगा सकते हैं.

  • मौसम की अनिश्चितताओं का संरक्षित ढांचे पर कोई असर नहीं होता और फसलें सुरक्षित (Crop Security)  रहती है.

  • संरक्षित खेती के तहत उगाई गई सब्जियों की क्वालिटी (Quality Production) दूसरी सब्जियों के मुकाबले काफी बेहतर होती है.




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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