Sugar Export: देश में अनाज भंडारण और उत्पादन की कोई कमी नहीं है. केंद्र सरकार गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, दलहन, तिलहन के आंकड़े समय समय पर जारी करती है. केंद्र सरकार के पास अनाज का बंपर बंपर स्टॉक है. वहीं, चीनी उत्पादन और निर्यात में देश ने विश्व में नंबर वन की पॉजीशन हासिल की है.. केंद्र सरकार विदेशों में भेजने के साथ ही घरेलू खपत का भी विशेष तौर पर ध्यान रख रही है. केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि चीनी का प्रॉपर स्टॉक है. विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी वस्तु के कम होने पर ही वह महंगी होती है. स्टॉक ठीक है तो चालू सीजन में उसके महंगे होने की संभावना बेहद कम होती है.
घरेलू खपत के लिए 2.75 करोड़ टन चीनी उपलब्ध
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार, देश में गन्ना और चीनी उत्पादन की समीक्षा समय समय पर की जाती है. समीक्षा को और बेहतर करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं. वर्ष 2022-23 में घरेलू खपत के लिए चीनी की कोई कमी नहीं होगी. देश में 2.75 करोड़ टन चीनी उपलब्ध है. जबकि 50 लाख टन चीनी एथनॉल बनाने के लिए प्रयोग की जाएगी. 2022-23 में अक्टूबर से महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी प्रॉडक्शन शुरू कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में इसे एक सप्ताह में शुरू किया जा सकता है.
60 लाख टन चीनी होगी एक्सपोर्ट
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को संकट से उबारने की कोशिश की है. गन्ना किसानों को जल्द भुगतान करने के लिए चीनी मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि चीनी कोटा को जल्द से जल्द एक्सपोर्ट किया जाए. इससे चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. खाद्य मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के दौरान 60 लाख टन चीनी तक क एक्सपोर्ट करने की परमिशन दे दी है. निर्यात की अनुमति दे दी. खाद्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, मिल मालिकों के पास ऑप्शन होगा कि खुद से या निर्यातकों के माध्यम से घरेलू बिक्री कोटा से बदलकर निर्यात कर सकते हैं.
3.65 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी उद्योग संगठन ईस्मा के अनुसार, देश में इस साल 3.65 करोड़ टन चीनी प्रॉडक्शन हो सकता है. खुद या निर्यातकों के माध्यम से विदेशों में चीनी मिलें चीनी बेच सकते हैं. तीन चीनी विपणन सत्रों (मार्केटिंग सेशन) 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के चीनी मौसम में तीन साल के चीनी औसत उत्पादन का 18.23 फीसदी का एक समान निर्यात कोटा आवंटित किया गया था. चीनी सीजन अक्टूबर से सितंबर तक होता है. भारत विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. निर्यात के मामले में यह ब्राजील के बाद दूसरे नंबर पर है. ब्रोजील में इस साल चीनी प्रॉडक्शन कम हो रहा है, इसलिए भारत से वैश्विक स्तर पर चीनी की मांग बढ़ गई है. घरेलू खपत पर भी फर्क न पड़े इसी कारण केंद्र सरकार ने घरेलू खपत और निर्यात का कोटा तय कर दिया गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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