Meri Fasal Mera Byora Portal: बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से कई राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. खेतों में कटाई के लिए खड़ी गेहूं और सरसों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. गेहूं का दाना सिकुड़ गया है तो सरसों के दाने खेत में ही झड़ गए हैं. किसानों की कई महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है. इस मुश्किल वक्त में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के साथ खड़ी हैं. एक तरफ केंद्र ने राज्य सरकारों को सर्वेक्षण रिपोर्ट सब्मिट करने के निर्देश जारी कर दिए हैं तो वहीं राज्य सरकारें भी किसानों की हर संभव मदद कर रही हैं. इस कड़ी में हरियाणा सरकार भी आगे आई है. राज्य में बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है. आवेदन की आखिरी तारीख 3 अप्रैल रखी गई है.
सरकार ने की मुआवजे की व्यवस्था
हरियाणा में प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान झेलने वाले गैर-बीमित किसानों को 3 अप्रैल तक मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करने को कहा जा रहा है. जो किसान पहले से ही पंजीकृत हैं वो डायरेक्ट ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. फसल में हुए नुकसान का आकलन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पारदर्शी प्रणाली पर काम कर रही हैं. सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते ही भरपाई की रकम किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
यहां कर सकते हैं संपर्क
यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं और अपनी रबी फसलों के लिए समय रहते मुआवजा पाने चाहते हैं तो बिना देरी किए हरियाणा सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट वेबसाइट https://fasal.haryana.gov.in/farmer/kharabalogin पर विजिट करें. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में उपायुक्त कार्यालय या जिला राजस्व अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि रबी फसलों में हुए नुकसान के लिए साल 2022-23 के दौरान 1,01,627 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस तरह राज्य की 5.73 लाख एकड़ भूमि पंजीकरण हो चुकी है.
कब तक जारी होगा मुआवजा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 3 अप्रैल तक नुकसान का ब्यौरा देने वाले किसानों को मई के महीने तक मुआवजे की रकम मिल जाएगी. राज्य सरकार ने फसल नुकसान की भरपाई की रकम को दो श्रेणियों में बांटा है. रबी फसलों में 75 फीसदी से अधिक नुकसान झेलने वाले किसानों को प्रति एकड़ 15,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. नहीं 75 प्रतिशत से कम और 50 फीसदी से अधिक नुकसान पर प्रति एकड़ के लिए 12,000 रुपये के मुआवजे का प्रावधान है. ये उन किसानों के लिए जिन्होंने अपनी फसल का बीमा नहीं करवाया था. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आने वाले किसानों को फसल नुकसान क्लेम पाने के लिए 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी को सूचित करना होगा. ये किसान चाहें तो फसल बीमा यानी क्रॉप इंश्योरेंस एप पर भी जानकारी दे सकते हैं.
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