Poultry Farming: भारत में बर्ड फ्लू के संक्रमण से हर साल लाखों पक्षियों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है. इसे विज्ञान की भाषा में एवियन इनफ्लूएंजा भी कहते हैं, जिसके संक्रमण का असर हर पक्षी पर अलग-अलग होता है. भारत में इस संक्रमण से ज्यादातर बतख और मुर्गियां ही संक्रमित पाई गई हैं. इन दिनों केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में बर्ड फ्लू संक्रमण फैल रहा है, जिससे अब पोल्ट्री किसानों की चिंताएं बढ़ गई है. किसी भी इलाके में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत होने लगे तो एक किलोमीटर के दायर में आने वाले पोल्ट्री फार्म के पक्षियों को भी खत्म कर दिया जाता है, ताकि ये आगे ना फैले.
ऐसा ही एक मामला तिरुवनंतपुरम जिले के पेरुंगुझी जंक्शन वार्ड में देखने को मिला है, जहां बर्ड फ्लू के संक्रमण से 200 बतखों की मौत हो गई. इसके बाद प्रशासन एडवायजरी जारी करके 1 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 3000 पक्षियों को मारने के निर्देश जारी कर दिए.
पशुपालन विभाग का एतिहादी कदम
बेशक बर्ड फ्लू संक्रमण को रोकने के लिए यह पशुपालन विभाग का एतिहादी कदम हो सकता है, लेकिन इससे पोल्ट्री किसानों की चिंताएं काफी बढ़ जाती है, क्योंकि अगर बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने पर उनका फार्म भी 1 किलोमीटर के दायर में आएगा तो सरकारी आदेशों का पालन करते हुए सारे पक्षियों को खत्म करना होगा. इससे पोल्ट्री बिजनेस करने वाले एक ही झटके में आर्थिक संकट में डूब जाते हैं.
सरकार ने जारी की एडवायजरी
कृषि जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने पर ना सिर्फ पक्षियों को, बल्कि इन पक्षियों से मिले अंडे, मांस, चारा और गोबर को भी नष्ट किया जाता है. यह सारा काम सरकार के आदेश और पशुपालन विभाग की निगरानी में होता है.
इन दिनों केरल के किझुविलम, कडक्कवूर, कीझाटिंगल, चिरायिंकीझू, मंगलापुरम, अंदूरकोणम और पोथेनकोड पंचायतों को एवियन इनफ्लूएंजा निगरानी क्षेत्र के तौर पर घोषित कर दिया गया है यानी यहां बर्ड फ्लू संक्रमण की आशंका है.
तबियत बदलने पर तुरंत लें एक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक सिर्फ मुर्गियां, बत्तख, गीज़, बटेर, टर्की और दूसरे पालतू पक्षियों में ही बर्ड फ्लू संक्रमण की पहचान हुई है, लेकिन केरल हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोगों और खासतौर पर युवाओं के लिए एडवायजरी जारी करके सावधान रहने की सलाह दी है.
जरा भी तबियत बिगड़ने या स्वास्थ्य की गतिविधियां बदलने पर चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है. पक्षियों के संपर्क में आने वाले पोल्ट्री किसानों को चिकित्सत की सलाह पर दवाएं लेने को कहा गया है.
पोल्ट्री किसान बरतें ये सावधानी
एवियन इनफ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू के संक्रमण से सबसे ज्यादा पोल्ट्री किसानों को ही खतरा है, क्योंकि सबसे ज्यादा पक्षियों के संपर्क में यही वर्ग आता है. अब बर्ड फ्लू के डर से पोल्ट्री तो बंद नहीं की जा सकती, इसलिए पोल्ट्री किसानों की सुरक्षा के लिए भी एडवायजरी जारी कर दी गई है.
यदि बर्ड फ्लू से संभावना वाले पक्षियों के आसपास जा रहे हैं या फिर उनका कोई भी काम करते हैं तो अपने मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने डालें. पक्षियों के संपर्क में आने के बाद अच्छी तरह साबुन की मदद से हाथ-मुंह धोएं और कपड़े बदलें.
यदि संपर्क में आने के बाद बुखार, बॉडी पेन, खांसी, जुकान, सांस की समस्या, कफ या खून आने की समस्या हो रही है तो बिना देर किए चिकित्सक से संपर्क करना होगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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