Rabi Crop Registration: किसान भाईयों के लिए 31 जनवरी डेडलाइन, इस लिंक पर करें रबी फसल का पंजीकरण
Rabi Season 2023: 'मेरी फसल, मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर 31 जनवरी रबी फसलों का पंजीकरण करवाने के लिए रखी गई है. इस रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से सरकारी योजना और सब्सिडी का लाभ लेना आसान हो जाएगा.
Meri Fasal Mera Byora Portal: खेतों में रबी फसलें लहलहा रही हैं. गेहूं, सरसों, चना समेत तमाम फसलों में प्रबंधन कार्य चल रहे हैं. जल्द ये पककर कटाई के लिए तैयार हो जाएंगी. इस बीच कई राज्यों मैं रबी मार्केटिंग सीजन के तहत फसल के पंजीकरण की प्रक्रिया चालू कर दी गई है, जो भी किसान अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं, वो अपने-अपने राज्य के कृषि विभाग के ऑफिशियल पोर्टल पर अप्लाई कर सकते हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस मामले में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. हरियाणा सरकार ने भी पंजीकरण के लिए 31 जनवरी तक की डेडलाइन रखी है.
कहां करवाएं पंजीकरण
हरियाणा सरकार ने 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर रबी मार्केटिंग सीजन के लिए रजिस्ट्रेशन चालू कर दिए हैं. 31 जनवरी डेडलाइन रखी गई है, लेकिन अभी तक कई किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है. नियमों के मुताबिक, मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए हरियाणा के किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
यहां अपना रजिस्ट्रेशन करवाने पर सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी, लोन और अनुदान की सुविधाओं का लाभ लेना आसान हो जाएगा. राज्य सरकार से रजिस्टर्ड किसानों से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीदेगी. वहीं गैर-पंजीकृत किसानों को सरकारी कीमतों पर फसल बेचने की सुविधा नहीं मिल पाएगी.
पंजीकरण के बाद सीधा मिलेगा लाभ
हरियाणा कृषि विभाग के तकनीकी अफसर डॉ. ईश्वर जाखड़ ने बताया कि अभी तक कई किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं करवाया है. सरकारी स्कीम का फायदा लेने के लिए 31 फरवरी तक फसलों को पंजीकरण कराने की डेडलाइन रखी गई है.
इस बारे में किसानों तक खबर पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. किसान चाहें तो खुद भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं. इसके बाद उपज बेचकर सीधा खाते में पेमेंट हासिल कर सकते हैं. इस तरह सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी योजना का भी डायरेक्ट लाभ लेना आसान हो जाएगा.
50% से भी कम किसानों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नोटिफिकेशन जारी करने के बावजूद झज्जर जिले के 50% से भी कम किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस जिले के आधे से भी कम किसान रजिस्टर्ड है, जबकि जिले की 3 लाख 69 हजार 729 एकड़ जमीन पर खेती की जा रही है.
इसमें से केवल 70,000 एकड़ जमीन का ही पंजीकरण हो पाया है, जो कुल बुवाई का 50% भी नहीं है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि जो किसान पंजीकरण नहीं करवाएंगे, वो सरकारी सुविधाओं से वंचित भी रह सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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