3rd Advance Estimates: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने साल 2021-22 के लिए तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है. इसमें प्रमुख खाद्यान्न, बागवानी और दलहन-तिहलन कृषि उत्पादन के पूर्वानुमान आंकड़े जारी किए गए हैं. इसमें बागवानी फसलों के उत्पादन में अच्छी खासी बढ़त की दर्ज की गई है. देश में 28.08 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 342.33 मिलियन टन रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है. इस साल धान दलहन और तिलहन का रकबा भी काफी अच्छा रहा है, लेकिन गेहूं, आलू और टमाटर के उत्पादन में 2.3 से 5 फीसदी तक की गिरावट की संभावना है.


आलू उत्पादन में गिरावट का अनुमान


कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आलू और टमाटर के उत्पादन में 4 से 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान है. तीसरे अग्रिम अनुमान 2021-22 में आलू का उत्पादन 5 करोड़ 33.9 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 5 करोड़ 61.7 लाख टन था. रुझानों के मुताबिक, इस साल आलू का उत्पादन करीब 5 प्रतिशत कम कहने की उम्मीद है.


4 फीसदी कम टमाटर का उत्पादन


तीसरा अग्रिम अनुमान 2021-22 के मुताबिक, टमाटर का उत्पादन भी 4 फीसदी तक कम हो सकता है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल टमाटर की पैदावार 2 करोड़ 11.8 लाख टन थी, जो इस साल 2 करोड़ 3.3 लाख टन रह गई है.


बारिश के बावजूद बढ़ा प्याज का रकबा


इस साल मौसम की मार ने प्याज के उत्पादन को काफी प्रभावित किया. इसके बावजूद प्याज के उत्पादन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी का अनुमान है. पिछले साल प्याज का उत्पादन 2 करोड़ 66.4 लाख टन था. वहीं साल 2021-22 के अग्रिम अनुमान में 3 करोड़ 12.77 टन प्याज के प्रोडक्शन की संभावना है.


कम रहा गेहूं का उत्पादन 


कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है. इसमें प्रमुख खाद्यान्न फसल गेहूं के उत्पादन को लेकर पूर्वानुमान कुछ खास नहीं रहा. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल गेहूं की पैदावार 10.64 करोड़ टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल की तुलना में 31 लाख टन तक कम है. यहां संशय ये भी है कि पहले अग्रिम अनुमान में गेहूं की पैदावार 11.13 करोड़ टन रहने की संभावना थी, जबकि गेहूं उत्पादन का लक्ष्य सिर्फ 11 करोड़  रखा गया था.


वहीं कुल खाद्यान्न उत्पादन की बात करें तो यह पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है. चालू सीजन में 31.45 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का पूर्वानुमान है, जो पिछले के मुकाबले 37.7 लाख टन ज्यादा है. सरकार का कहना है कि देश में गेहूं का अच्छा-खासा भंडारण है, इसलिये गेहूं के उत्पादन में कमी से देश की खाद्य आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी.


फल और सब्जियों के उत्पादन में बढ़ोतरी 


देशभर में पारंपरिक फसलों के बजाय बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा जा रहा है. इसी का परिणाम है कि इस साल देश में फल और सब्जियों का उत्पादन टॉप पर रहा है. साल 2021-22 के तीसरे अग्रिम अनुमान में सब्जियों का उत्पादन 20 करोड़ 48.4 लाख टन रहने का अनुमान है. ये पिछले साल 2 करोड़ 4.5 लाख तक सीमित था. वही फलों के उत्पादन में भी अच्छी खासी बढ़त की संभावना है. एक तरफ पिछले साल फलों का उत्पादन 10 करोड़ 24.8 लाख दर्ज किया गया था, लेकिन इस साल 10 करोड़ 72.4 लाख तक बढ़ते उत्पादन का पूर्वानुमान है.


चावल दलहन तिलहन का बड़ा दायरा 


खरीफ सीजन की प्रमुख नकदी फसलों में धान का नाम टॉप पर आता है. तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, साल 2021-22 में चावल का उत्पादन 12.97 करोड टन पहुंचने की संभावना है. वहीं पोषक अनाजों की पैदावार भी 5.07 करोड़ टन और मक्का का भी उत्पादन 3.3 करोड़ टन यानी अपने रिकॉर्ड स्तर पर रहेगा.


दलहन तिलहन की पैदावार 


देश को दलहन तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है, इस अभियान की सफलता तीसरे अग्रिम अनुमान में साफ दिखाई पड़ती है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में दलहन फसलों की पैदावार 2.78 करोड़ टन और तिलहनी फसलों के लिए 3.85 करोड़ टन तक रिकॉर्ड प्रॉडक्शन की संभावना जताई जा रही है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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