Fishries: फिश फार्मिंग के लिए 50% सब्सिडी, एरियटर के लिए पूरे 20,000 रुपये मिलेंगे, किसान कर दें अप्लाई
Fish Farming: मछली पालन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का अहम रोल रहा है. अब इस स्कीम के तहत किसानों को एरियटर की स्थापना के लिए 50% सब्सिडी का ऑफर मिल रहा है.
Subsidy on Fish Farming: पिछले कुछ सालों में पशुपालन की तरह मछली पालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर सामने आया है. इस सेक्टर ने किसानों को अतिरिक्त आय का सृजन करने में अहम रोल अदा किया है. अब बड़ी संख्या में गांव के लोग, किसान और युवा मछली पालन की ओर रुख कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारें भी अपने-अपने लेवल मछली पालन को प्रमोट कर रही हैं और किसानों के लिए खास योजनाएं ला रही हैं, जिनसे किसानों को तकनीकी और आर्थिक मदद दी जा रही है. इन्हीं योजनाओं में शामिल है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना. इस स्कीम के तहत मछली पालन की आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा मिल रहा है, ताकि खर्च को कम करके उत्पादन को बढ़ाया जा सके. हरियाणा में भी किसान और ग्रामीण अब मछली पालन की तरफ रुख कर रहे हैं.
एरियटर स्थापना के लिए सब्सिडी
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों और ग्रामीणों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें नई तकनीकों से जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में एरियटर की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, एरियटर की स्थापना में करीब 40,000 रुपये का खर्चा आता है, जिस पर राज्य सरकार 50 प्रतिशत अनुदान दे रही है. बता दें कि इस स्कीम के तहत महिलाओं को भी मछली पालन से जोड़ने के लिए 60% अनुदान और अन्य वर्ग के लोगों को 40% सब्सिडी दी जाती है.
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से किसानों की आय में हो रही वृद्धि
— MyGovHaryana (@mygovharyana) January 19, 2023
एरियटर की स्थापना पर ₹40,000/हेक्टेयर की लागत सीमा पर 50% अनुदान के साथ मिलते हैं अनेक अन्य लाभ। pic.twitter.com/mKgY7Y8aah
मसीहा बनी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
किसानों, मछुआरों और मछली पालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से साल 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई गई थी.
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पट्टे पर गांव के तालाब उपलब्ध करवाए जाते हैं.
- मछली संस्कृति इकाई के निर्माण पर लोन और ट्रेनिंग दी जाती है.
- जहां तालाबों की स्थापना की गई है, वहां मिट्टी और पानी की जांच की जाती है.
- इस स्कीम के तहत प्लान और तालाब के अनुमान की तैयारी भी की जाती है.
- किसानों और मछली पालकों अच्छी क्वालिटी के मछली बीज और फीड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है.
- मछलियों के विकास में बाधा बन रहीं बीमारियों की जांच और इलाज के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मदद का प्रावधान है.
कैसे मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एरियटर की स्थापना से लेकर अन्य तकनीकों के लिए अनुदान का लाभ लेना चाहते हैं तो dof.gov.in/pmmsy पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए राज्य मछली पालन विभाग की वेबसाइट या अपने जिले के पशुपालन/मछली पालन विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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