Success Story: आप थोड़ा अलग सोचिए.....70 साल के किसान ने विलुप्त होने से बचाईं सब्जियां, सरकार ने दिए 11 नेशनल अवॉर्ड
Successful Farmer: 35 साल पहले किसान 70 रघुपत सिंह ने फैसला किया कि वो विलुप्त हो चुकी सब्जियों को दोबारा प्रचलन में लाएंगे. ये वही सब्जियां थीं, जो काफी साल पहले ही हमारी थाली से गायब हो चुकी थीं.
Krishi Pandit Raghupat Singh: खेती-किसानी ऐसा काम है, जो किसी उम्र का मोहताज नहीं होता, बल्कि समय के साथ-साथ यह काम एक जिम्मेदारी बन जाता है. मुरादाबाद के बिलारी गांव के रहने वाले रंपत सिंह भी ऐसी ही जिम्मेदारी निभा रहे हैं. 70 साल के किसान आज 55 से ज्यादा विलुप्त हो चुकी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इनके कारण ही ये सब्जियां दोबारा प्रचलन में आ गई हैं. इतना ही नहीं रघुपत सिंह ने 100 से ज्यादा नई किस्में और वनस्पति भी विकसित की है.
वैसे तो बुजुर्ग किसान रघुपत सिंह (Raghupat Singh) खुद को एक आम किसान ही मानते हैं, लेकिन उनकी दिनचर्या आम किसानों से काफी अलग है. यह सफर 35 साल पहले शुरू हुआ जब रघुपत सिंह ने यह निर्णय लिया कि वह विलुप्त हो चुकी सब्जियों को दोबारा प्रचलन में लाएंगे. यह वही सब्जियां और किस्में थीं, जो काफी साल पहले ही हमारी थाली से गायब हो चुकी थीं.
खेती में थोड़ा हटकर सोचें किसान
70 साल के किसान रघुपत सिंह बताते हैं कि आजकल किसान साधारण विधियों से खेती करते हैं, जिसके चलते उन्हें सही उत्पादन नहीं मिल पाता. ऐसे में किसानों को साधारण खेती से हटकर कुछ नया सोचना चाहिए, जिससे खेती से अच्छा उत्पादन भी हो और किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिल सके. इसके लिए नए विकल्पों को तलाशना होगा.
बता दें कि अपने जीवन के सफर में रघुपति सिंह ने करीब 3 लाख से ज्यादा किसानों को खेती के गुर सिखाए हैं. कई कृषि अनुसंधान संस्थान और वैज्ञानिक इनकी फैन लिस्ट में शामिल हैं. अब रघुपत सिंह अपनी फसलों से बीजों का आरक्षण कर छोटे किसानों को खेती के लिए देते हैं. आज 10 साल के रघुपति सिंह किसानों को मौसम आधारित खेती (Weather Based Farming) के प्रति जागरूक कर रहे है. उनका मानना है कि अच्छे मुनाफे के लिए किसानों को मौसम के अनुसार सब्जियों की खेती करनी चाहिए.
सरकार ने दिया कृषि पंडित का दर्जा
आज रघुपति सिंह को पूरे मुरादाबाद में कृषि पंडित (Krishi Pandit) नाम से जानते हैं. उन्होंने दालों से लेकर सब्जियों तक 100 से ज्यादा नई प्रजातियां विकसित की हैं. उनकी 7 फीट लंबी लौकी चर्चाओं में बनी रहती है. साथ ही आम जैसे स्वाद वाला अदरक और ढाई फुट की सेम भी काफी मशहूर है. कृषि पंडित रघुपत सिंह बताते हैं कि उन्हें हमेशा से कुछ नया करने का शौक था. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों पर जाकर ट्रेनिंग भी ली. इसके बाद जब घर पर आकर अभ्यास और प्रयोग किए तो सफलता मिल गई. इसी का नतीजा है कि आज उन्होंने पुरानी किस्मों के संरक्षण के साथ-साथ कृषि खाद्य उत्पादों की कई-नई किस्में विकसित कर ली है.
11 नेशनल अवार्ड मिले
मुरादाबाद के 70 वर्षीय किसान रघुपति सिंह बेशक बुजुर्ग हो चुके हैं, लेकिन उनके नवाचार आज भी नए किसानों के बीच काफी फेमस है. कृषि में उनके योगदान के लिए सरकार से 11 राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम करवा चुके हैं. खेती में नवाचार और सफल प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके अद्वितीय योगदान की सराहना की है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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