Solar Panels on Barren Land: इन दिनों सौर ऊर्जा से किसानों के जीवन में खुशहाली आ रही है. एक तरफ पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) का लाभ लेकर सिंचाई का काम आसान हो गया तो कई राज्यों में सोलर पैनल की मदद से बिजली पर निर्भरता कम होती जा रही है. सौर ऊर्जा के इस अभियान से अब राजस्थान सरकार भी जुड़ चुकी है. राज्य सरकार ने सौर कृषि आजीविका योजना चलाई है. इस योजना के तहत  बंजर-अनुपयोगी जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये जाएंगे.


अब जमीन मालिक किसान चाहे तो खुद सौर ऊर्जा प्लांट लगा सकते हैं या फिर निजी कंपनियों को जमीन पट्टे पर दे सकते हैं. इसके लिए राज्य सरकार ने 17 अक्टूबर को एक पोर्टल भी लॉन्च किया है. बड़ी उपलब्धी ये है कि पोर्टल लॉन्च करने के 20 दिनों के अंदर ही हजारों किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि अब किसान भी जागरूक हैं और बेकार पड़े संसाधनों से अच्छी आजीविका कमाना चाहते हैं.


7,217 किसानों को मिलेगा फायदा
जाहिर है कि राजस्थान के ज्यादातर इलाके आज भी रेतीली और बंजर है. किसानों के पास खेती योग्य जमीन तो है, लेकिन संसाधनों कमी के कारण किसान भी इनसे फसलों का उत्पादन नहीं ले पा रहे. ऐसे में सरकार ने किसानों की इस समस्या का हल 'सौर कृषि आजीविका योजना' (Saur Krishi Ajeevika Yojana) के तौर पर निकाला है. इस योजना को लेकर प्रमुख ऊर्जा सचिव श्री भास्कर एक सावंत बताते हैं कि इस योजना के तहत स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से किसानों को काफी फायदा होगा. इससे सरकारी बिजली पर निर्भरता कम होगी और इस संयंत्र से उत्पादित बिजली भी आस-पास के किसानों को ही उपलब्ध होगी. अब किसानों को भी सिंचाई जैसे तमाम कृषि कार्यों को निपटाने के लिए बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.






इस पोर्टल पर करवायें रजिस्ट्रेशन
राजस्थान के किसानों के लिए सौर कृषि आजीविका योजना किसी वरदान से कम नहीं है. इस योजना के फायदों को समझने के लिए ऑफिशियल पोर्टल www.skayrajasthan.gov.in पर करीब 34,621 लोगों ने पोर्टल को विजिट किया है. वहीं करीब 7,217 किसानों ने सौर कृषि आजीविका योजना से जुड़ने के लिए पंजीकरण करवाया है. वहीं सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने वाले 753 विकासकर्ता भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके है. रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 14 किसानों ने अपनी जमीन के कागजात अपलोड कर दिये हैं, साथ ही 14 विकासकर्ताओं के साथ सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए निर्धारित फीस भी जमा करवा दी है. 


अलवर-जयपुर से अच्छा रिस्पॉन्स
सौर कृषि आजीविका योजना अब राजस्थान के किसानों को बीच खूब लोकप्रिय हो रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस योजना से जुड़ने के लिए सबसे अच्छा रिस्पॉन्स अलवर और जयपुर जिले से सामने आया है. इस योजना में आवेदन करने वाले कुल 10 किसानों में से 3 किसान अलवर राजस्थान से हैं तो वहीं 7 किसान जयपुर से आते हैं. इन किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाके जमीन के कागजात के साथ टोकन फीस भी सब्मिट कर दी है.


वेरिफिकेशन ​शुरू करेगी सरकार
सौर कृषि आजीविका योजना में आवेदन करके टोकन फीस जमा करवाने वाले किसान-विकासकर्ताओं के लिए जल्द आगे की प्रक्रिया ​शुरू की जायेगी. सबसे पहले किसानों की भूमि का सत्यापन होगा, जिसके बाद ही डिस्कॉम कंपनियां सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की प्रोसेस शुरू करेंगी. किसानों-विकासकर्ताओं की शंका समाधान और योजना से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए डिस्कॉम स्तर पर एक हेल्प डेस्क स्थापित करने का भी प्लान है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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