Agriculture Machinery:  पिछले कुछ सालों में कृषि सेक्टर में भी तकनीक और मशीनों का चलन बढ़ गया है. खेती-किसानी में समय, मेहनत और खर्च बचाने में आधुनिक कृषि यंत्र मददगार साबित हो रहे हैं, जो काम कई दिनों तक पूरे नहीं हो पाते थे, आज कुछ घंटे या मिनटों में निपट जाते हैं. वैज्ञानिकों ने लगभग हर तरह के कृषि कार्य के लिए एक खास कृषि यंत्र इजाद कर लिया है और इनकी खरीद को आसान बना दिया है कृषि योजनाओं ने. राज्य सरकार की ओर से जुताई, बुआई, खाद और कीटनाशक छिड़काव, सिंचाई, फसल सुरक्षा, फसल कटाई, मढ़ाई, ढुलाई आदि समेत तमाम कार्यों वाले कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जाता है.


पिछले दिनों हरियाणा और मध्य प्रदेश में कृषि मशीनरीकरण को बढ़ावा देने के लिए यंत्रों की खरीद पर अनुदान की घोषणा की गई थी. यहां आवेदन की प्रक्रिया ऑनालाइन थी, लेकिन अब किसान चाहें तो ऑफलाइन यानी स्पॉट पर जाकर अपनी पसंद का कृषि यंत्र अनुदान पर खरीद सकते हैं. इस सुविधा के लिए बिहार में कृषि यंत्रीकरण मेले का आयोजन भी किया जा रहा है.


80% अनुदान पर कृषि यंत्र
बिहार सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 9 फरवरी से लेकर 12 फरवरी तक पटना के गांधी मैदान में कृषि यंत्रीकरण मेले का आयोजन किया जा रहा है, जहां फसल अवशेष प्रबंधन से लेकर 90 तरह के कृषि यंत्रों की खरीद पर बंपर सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जाएंगे.


अब अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान की राशि भी अलग रखी गई है, जिसकी जानकारी के लिए कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट/ जिला कृषि कार्यालय, प्रखंड कृषि कार्यालय या कृषि समन्वयक से भी संपर्क कर सकते हैं.


अच्छी बात यह है कि कृषि यंत्र की मेकिंग, मॉडल और आपूर्तिकर्ता कंपनी का चुनाव पूरी तरह से किसान के ऊपर है, हालांकि कृषि विभाग ने भी आपूर्तिकर्ता प्रतिष्ठान, मेक और मॉडल की लिस्ट जारी कर दी है, जिसकी जानकारी dbtagriculture.bihar.gov.in पर मिल जाएगी. 






कैसे मिलेगा लाभ
बिहार सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, एससी-एसटी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को प्राथमिकता से कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान मिलेगा.



  • 8,000 रुपये या उससे अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए कृषि अभियंत्रण विभाग के सहायक निदेशक से स्वीकृति पत्र जमा करवाना होगा.

  • पंप सेट को छोड़कर 8,000 रुपये से कम अनुदान वाले कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए भी प्रखंड कृषि पदाधिकारी की ओर से जारी स्वीकृति पत्र अनिवार्य है.


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