Agri subsidy Scheme: इन दिनों खेती भी आधुनिक होती जा रही है. नई तकनीकों और उन्नतशील विधियों से फसलों को उगाना बेहद आसान हो गया है. कई तकनीकें ना सिर्फ किसानों का खर्चा बचा रही है, बल्कि इससे फसल को भी मौसम की मार, कीट संकट, रोग का प्रकोप और सड़ने-गलने की समस्या से राहत मिल रही है. खेती में मशीनीकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. अब किसान कई दिनों तक चलने वाले कृषि कार्यों को एक ही दिन में निपटा सकते हैं. बाजार में खेत की तैयारी से लेकर कटाई और प्रोसेसिंग तक की मशीनें मौजूद हैं, जो किसानों को बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाई जाती हैं. इन कृषि मशीनरियों की खरीद का बोझ किसानों पर भारी ना पड़े. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें सब्सिडी भी देती है. इन ददिनों बिहार सरकार ने भी एक ऐसी ही योजना चलाई है, जिसके तहत अब हैप्पी सीडर की खरीद पर किसानों को 80 फीसदी पैसा मिल रहा है. अपने इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि कैसे किसान इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं.


हेप्पी सीडर की खरीद पर सब्सिडी
बिहार कृषि विभाग ने कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई है, जिसके तहत हैप्पी सीडर की खरीद पर किसानों को अनुदान मिल रहा है. इस स्कीम के तहत सामान्य श्रेणी के किसानों को 75 प्रतिशत की सब्सिडी का प्रावधान है यानी हैप्पी सीडर की खरीद पर अधिकतम 1,10,000 रुपये दिए जाएंगे. वहीं अत्यंत पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए 80 फीसदी छूट दी जा रही है. इस वर्ग के किसानों को जाति प्रमाण पत्र दिखाना होगा, जिसके बाद 1, 20,000 तक की आर्थिक मदद दी जएगी.






कहां करें आवेदन
कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत हैप्पी सीडर की खरीद पर आर्थिक सहायता पाने के लिए किसान को बिहार का निवासी होना अनिवार्य है. किसान चाहें तो आवेदन करने से पहले पूरी प्रक्रिया जानने के लिए अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. बिहार कृषि विभाग की ऑफिशियल साइट https://dbyagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर किसान अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर- 1800-3456-214 पर भी कॉल करके संपर्क कर सकते हैं.


किस काम आएगा हैप्पी सीडर
गेहूं जैसी तमाम नकदी फसलों की बुवाई के लिए हैप्पी सीडर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हैप्पी सीडर मशीन से बुवाई करने पर गेहूं की बुवाई की लागत कम हो जाती है, साथ ही पराली जलाने की मुसीबत ही नहीं आती. इसे टर्बो हैप्पी सीडर मशीन भी कहते हैं, जो ट्रैक्टर के पीछे जोड़कर चलाई जाती है. इस मशीन से गेहूं की बुवाई के साथ-साथ जमीन में जमी हुई धान की ठूंठ को भी खत्म कर सकते हैं. बाद में धान के यही अवशेष खाद में तब्दील हो जाते है और गेहूं की उत्पादकता बढ़ाते हैं.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के किसान 15 दिसंबर तक करवाएं फसल का बीमा, इन फसलों में नुकसान के लिए मिलेगा कवरेज