Mini Cold Storage for Vegetables: हमारे देश में बड़े पैमाने सब्जी, अनाज, मसाले, फल और फूलों की खेती की जा रही है. इन फसलों की खेती से देश की जरूरतों के साथ दूसरे देशों की मांग को भी पूरा किया जा रहा है. लेकिन किसानों के लिये कटाई के बाद सबसे चुनौतीभरा काम होता है उपज का स्टोरेज करना. क्योंकि भारत में भंडारण के लिये कोल्ड़ स्टोरेज की कमी है, जिसके चलते देश के कई किसानों की फसल खेतों में पड़े-पड़े ही सड़ जाती है. देश में स्टोरेज की इस गंभीर समस्या के लिये हमारे देश के वैज्ञानिकों ने पूसा फार्म सनफ्रिज का आविष्कार किया है. जिससे देश के हर किसान के पास अपना कोल्ड स्टोरेज तो होगा ही. साथ ही इसकी मदद से उनकी फसल सड़ेगी नहीं बल्कि समय रहते बाजारों तक पहुंच जायेगी.
पूसा फॉर्म सनफ्रिज
कोरोना महामारी के दौरान भंडारण के अभाव के चलते हमारे किसानों की सब्जियां खेतों में पड़े-पड़े ही सड़ गई थीं. एक रिसर्च के मुताबिक हर साल भारत में कटाई के बाद करीब 40% खाद्यान्न खेतों में पड़ा-पड़ा ही सड़ जाता है. देश में कोल्ड़ स्टोरेज जैसी भंडारण व्यवस्था की कमी है. ऐसे में पूसा फार्म सनफ्रिज किसानों के लिये वरदान है. पूसा फॉर्म सनफ्रिज नामक ये कोल्ड़ स्टोरेज की एक स्वदेशी तकनीक है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने अमेरिका के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर बनाया है. जिसे अब किफायती दरों और सब्सिड़ी पर किसानों तक पहुंचाया जा रहा है.
पूसा फार्म सनफ्रिज के फायदे
- सौर ऊर्जा से चलने के कारण इससे बिजली की काफी हद तक बचत होती है.
- इस मिनी कोल्ड़ स्टोरेज में किसान 2 टन तक ताजी-कटी हुई फसल का स्टोरेज आराम से कर सकते हैं.
- इस तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिये सरकार सब्सिड़ी भी दे रही, जिससे इसकी खरीद का बोझ किसान पर न पड़े
- इस तकनीक के इस्तेमाल से किसान अपनी फसलों का भंडारण और संरक्षण खुद कर सकेंगे.
- बाजार में कम मांग और कम कीमत मिलते समय किसान सब्जियों बिक्री करने से बचेंगे.
- ये तकनीक कटाई के बाद फसल के खराब होने की संभावनाओं को कम करेगा.
- पूसा फार्म सनफ्रिज में धान, मक्का जैसी अनाजी फसलों के साथ टमाटर जैसी जल्दी खराब होने वाली सब्जी फसलों का भंडारण कर सकते हैं.
- मेटल फ्रेम और प्लेट्स से बना ये सनफ्रिज बेहद हल्का है. जिसे स्टोरेज के साथ मडियों तक आसानी से ले जा सकते हैं.
- इसमें 10-15 दिन तक आराम से फल और सब्जियों को स्टोर कर सकते हैं.
- राजस्थान और पंजाब के साथ-साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान भी इस तकनीक का लाभ ले रहे हैं.
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