Smart dairy Farming: भारत में दिन पर दिन दूध और दूध से बने उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है. कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन के गुणों से भरपूर डेयरी प्रॉडक्ट्स दैनिक जरूरत के बड़े हिस्से की पूर्ति करते है. यही कारण है कि किसान और पशुपालक अब स्मार्ट तरीके से डेयरी फार्मिंग करने लगे हैं. इससे दूध उत्पादन में कई  गुना बढोत्तरी हो रही है. इसी के साथ किसानों और पशुपालकों को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है. जानकारी के लिये डेयरी फार्मिंग की स्मार्ट तकनीक के तहत पशुपालन संबधी कामों को तकनीक और मशीनो से जोड़ दिया जाता है. इससे पशुपालकों के समय की बचत होती है और काम जल्दी निपट जाता है.


स्मार्ट डेयरी का नुस्खा
जानकारी के लिये बता दें कि स्मार्ट डेयरी फार्मिंग के तहत पशुओं के बारे में पूरा डाटा इकट्ठा किया जाता है, जिसमें पशुओं के चारे, पोषण, गर्भधारण, ब्यांत और दुग्ध उत्पादन की कार्यविधि का लेखा जोखा रखते हैं. इससे पशुपालन के दौरान सही समय पर सही फैसले लेने में काफी मदद मिलती है. ये नुस्खा दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिये बहुत जरूरी है.


सेंसर पर आधारित पशुपालन
स्मार्ट डेयरी फार्मिंग के तहत हर पशु के भूख, प्यास और स्वास्थ्य से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिये पशुओं में सेंसर लगाये जाते हैं. ये सेंसर डिवाइस पशु की गर्दन, पूंछ या फिर टांग में पहनाई जाती है. इसके जरिये पशु की लोकेशन, उसका मिजाज और दूसरी समस्याओं की जानकारी समय पर मिल जाती हैं. जिससे इन समस्याओं का समय पर समाधान किया जा सके. इन जानकारियों में पशुओं की भूख, पशुओं की प्यास, उनका स्वास्थ्य, उनका व्यवहार, प्रजनन की क्षमता, दूध उत्पादन की स्थिति और उनकी साफ-सफाई आदि शामिल हैं.
 
चुनौतियां
दुनियाभर में कई देश डेयरी फार्मिंग की स्मार्ट तकनीक को अपना चुके हैं. लेकिन भारत में अभी-भी ज्यादातर पशुपालक छोटे स्तर पर ही पशु पालन कर रहे हैं. इसका मतलब उनकी आमदनी अच्छी तो है, लेकिन इतनी भी नहीं है कि वे इस तरह के आधुनिक संसाधनों को खरीदकर उन पर काम कर सकें. यही कारण है कि अभी-भी पुरानी तकनीक पर ही काम किया जा रहा है. 


वहीं दूसरे देशों में आधुनिक पशुपालन और डेयरी फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है. वहां पशुओं से दूध निकालने के लिये स्वचलित मशीनों के साथ-साथ स्वचालित पानी और चारा सप्लाई मशीने होती है. इन मशीनों के इस्तेमाल से विदेशी पशुपालक अपना समय और पैसा दोनों बचा लेते हैं. हालांकि स्मार्ट फार्मिंग की ये तकनीक है तो महंगी लेकिन भारत के कई पशुपालक इन तकनीक को समझकर इस पर काम कर रहे हैं. इससे भविष्य में इस तकनीक पर आने वाले खर्च को कम किया जा सके.


 


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