Subsidy on Wheat Seeds: किसानों के लिए अक्टूबर से लेकर नवंबर का समय काफी अहम होता है. इस समय खरीफ फसलों की कटाई, मंडियों में उपज की बिक्री और अगली फसल की खेती के लिए भी तैयारियां करनी होती है. एक के बाद एक काम निपटाकर किसान तुरंत रबी फसलों की बुवाई में जुट जाते हैं. इस बीच किसानों को बीज, खाद, उर्वरक और कीटनाशक की खरीद में राहत प्रदान करने के लिए कई राज्य सरकारें सब्सिडी योजनायें चलाती हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार भी समय-समय पर किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करती है. राज्य में पारदर्शी किसान सेवा योजना भी चलाई जाती है, जिसके तहत समय-समय पर गेहूं, दलहन, तिलहन आदि फसलों के उन्नतशील बीजों की खरीद पर अनुदान (Subsidy on Wheat Seeds) मिलता है. 


पारदर्शी किसान सेवा योजना
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://upagriculture.com/krisko_suvidha.html के मुताबिक, किसानों को गेहूं, दलहन और तिलहन के उन्नतशील बीजों की खरीद पर 50% प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है, ताकि किसानों को फसल से बढ़िया पैदावार मिल सके.



  • इसके लिये गेहूं की चयनित प्रजातियों के बीज पर 2 रुपये से 14 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अनुदान मिलता है.

  • दलहनी बीजों की खरीद पर 40 से 45 रुपये प्रति किलो और तिलहनी बीजों पर 33 से 40 रुपये प्रति किलो अनुदान दिया जाता है.

  • बीजों पर अनुदान की ये योजना राज्य के अलग-अलग जिलों में मान्य होती है, इसलिये अपने जिले में बीजों पर सब्सिडी का लाभ पाने के लिए उप-कृषि निदेशक से सम्पर्क कर सकते हैं.


इन जिलों में मिलेगा फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाथरस और धामपुर और तमाम जिलों में सरकारी बीज भंडारों पर गेहूं के बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं. कृषि विभाग की ओर से गेहूं की चार उन्नतशील किस्मों का चयन किया गया है. इनमें से तीन किस्में गेहूं की अगेती खेती के लिए 15 नवंबर तक बोई जा सकती है, जबकि मध्यम अवधि की बुवाई के लिए 30 नवंबर तक का समय सबसे अनुकूल रहता है. अपने जिले में गेहूं के बीजों पर सब्सिडी के लिए कृषि विभाग की ओर से संपर्क कर सकते हैं.


करना होगा ये काम
राज्य सरकार की तरफ से गेहूं की अगेती खेती के लिए डीबीडब्लू 187,डीबीडब्लू 222, एचडी 3086 एवं पीबीडब्ल्यू 01 जेड एन और मध्यम अवधि की खेती के लिए एचडी 3226 के बीज उपलब्ध करवाये जा रहे हैं. वैसे तो बाजार में गेहूं के बीजों का भाव (Wheat Seed Price) 4,025 प्रति क्विंटल है.


यदि कोई भी किसान गेहूं की खेती के लिए सरकारी बीज भंडार से सब्सिडी पर बीज खरीदना चाहता है तो उसे कृषि अभिलेखों को जमा करवाना होगा. इसकी जानकारी जिला कृषि कार्यालय से मिल जाएगी. बता दें कि गेहूं के बीजों की खरीद पर किसानों को एक मुश्त भुगतान करना होगा. इसके बाद बीजों पर सब्सिडी की रकम सीधा किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.


यहां करें रजिस्ट्रेशन
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने पारदर्शी कृषि सेवा योजना चलाई है, जिसके तहत समय-समय पर किसानों को खेती के लिए आवश्यक चीजों पर आर्थिक अनुदान दिया जाता है.



  • इसके लिए कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट http://upagriculture.com/ पर विजिट करते रहें. 

  • इसके अलावा किसान 'पंजीकरण करें' के ऑप्शन पर भी क्लिक करके अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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