Agri Drone Subsidy: कृषि की लागत को कम करने और फसलों को बड़े जोखिमों से बचाने के लिए आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि ड्रोन भी इनमें से एक ही है, जो खेतों में लिक्विड फर्टिलाइजर के छिड़काव से लेकर फसल की निगरानी के काम को आसान बना देता है. केंद्र सरकार भी ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. कृषि ड्रोन की खरीद पर 50% से लेकर 75% और 100% तक छूट दी जा रही है. कई कृषि मेलों की प्रदर्शनियों में भी तरह-तरह के कृषि ड्रोन देखे जा रहे हैं. अच्छी बात यह भी है कि अगर खुद की खेती में कृषि ड्रोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं है तो सरकार की तरफ से मिल रही सब्सिडी पर इसे खरीदकर गांव के दूसरे किसानों को भी किराए पर दे सकते हैं. इस तरह ड्रोन की लागत तो वसूल होगी ही, अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं. इन दिनों कृषि विश्वविद्यालयों से लेकर कृषि विज्ञान केंद्र और कई ट्रेनिंग सेंटर्स में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जिससे ड्रोन के फायदों को समझकर किसान इसे सस्ती दरों पर खरीद सकें.
इन 10 राज्यों में ड्रोन की ट्रेनिंग
कुछ दिन पहले ही जब नया कृषि बजट पेश किया गया तो मोबाइल और कंप्यूटर की तरह ही रोजमर्रा के कामों में ड्रोन का इस्तेमाल करने की भी हिदायत दी गई. इस कड़ी में कृषि और पंचायती राज विभाग से कृषि ड्रोन को मंजूरी मिल चुकी है. किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक, अब डायरेक्टर जनरल और सिविल एविएशन ने भी 10 राज्यों में ड्रोन उड़ाने की पायलट ट्रेनिंग को मंजूरी दे दी है. इस काम के लिए 18 संस्थाओं को चुना गया है. इनमें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ भी शामिल है, जहां धनीपुर हवाई पट्टी पर दो ड्रोन पायलट ट्रेनिंग स्कूल को अप्रूवल मिला है.
हरियाणा में भी 3 स्कूल गुरुग्राम और एक बहादुरगढ़ में खुला है. महाराष्ट्र के 4 संस्थानों को ड्रोन की ट्रेनिंग के लिए अप्रूव किया गया है,जिनमें 2 पुणे में स्थित हैं. तेलंगाना के सिकंदराबाद और हैदराबाद को भी एक-एक ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर मिला है. इन सभी के साथ-साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर, गुजरात के अहमदाबाद, हिमाचल प्रदेश के शाहपुर, झारखंड के जमशेदपुर, कर्नाटक के बेंगलुरु और तमिलनाडु के चेन्नई में भी ड्रोन के ट्रेनिंग स्कूल को मंजूरी मिली है.
कैसे ले सकते हैं ट्रेनिंग
आज के समय में हर किसान स्मार्ट तकनीकों के साथ काम करना चाहता है. आप चाहें तो ड्रोन खरीदने से पहले अपने राज्य के अप्रूव्ड ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल में जाकर ट्रेनिंग और जानकारी ले सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन की ऑफिशियल वेबसाइट https://digitalsky.dgca.gov.in/home पर सर्टिफिकेट कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं. ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाता है, जिसकी मदद से नौकरी या खुद का बिजनेस चालू कर सकते हैं, हालांकि ड्रोन उड़ाने से पहले यह जानकारी देनी होगी कि ड्रोन को कितने समय के लिए कितनी ऊंचाई पर किस इलाके में उड़ाया जाएगा.
सरकार दे रही सब्सिडी
कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ाने और हर किसान तक ये तकनीक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार भी 100 प्रतिशत तक आर्थिक मदद दे रही है. एक स्कीम के तहत कृषि ड्रोन खरीदने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि प्रशिक्षण संस्थानों को 100 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है.
इस स्कीम के तहत किसान उत्पादक संगठन भी 75% की सब्सिडी (अधिकतम 10 लाख रुपये) पर कृषि ड्रोन खरीद सकते हैं. महिला किसान, एससी-एसटी किसानों को कृषि ड्रोन की खरीद पर 50% (अधिकतम 5 लाख रुपये) और सामान्य वर्ग के किसानों को 40% (अधिकतम 40 लाख) तक की सब्सिडी का प्रावधान है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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