Crop Sowing Rabi Season 2022: देश के आधे से ज्यादा इलाकों में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. इस बीच कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी फसलों की बुवाई को लेकर नए आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे पता चला है कि देशभर के किसानों ने इस साल गेहूं और तिलहनी फसलों की बुवाई से काफी रकबा कवर किया है, लेकिन दलहनी फसलों की बुवाई इस साल कुछ कम हुई है. बता दें कि गेहूं एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर से ही चालू हो जाती है और मार्च से अप्रैल तक फसल पककर कटाई के लिए भी तैयार हो जाती है.
गेहूं के अलावा चना, सरसों और गन्ना की गिनती भी रबी सीजन (Rabi Season 2022) की प्रमुख नकदी फसलों में होती है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी 18 नवंबर के आंकड़े बताते है कि अभी तक रबी फसलों की बुवाई से कुल 268.80 लाख हेक्टेयर रकबा कवर किया जा चुका है. पिछले साल इस समय तक से आंकड़ा 250.76 लाख हेक्टेयर तक सीमित था.
किसानों ने खूब बोया गेहूं
कृषि मंत्रालय के 18 नवंबर तक के आकड़ों से पता चला है कि अभी तक देश के 101.49 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुवाई की जा चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है. पिछले साल इस समय तक 88.46 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी. इससे पता चलता है कि अगले साल तक देश के खाद्यान्न भंडार में भी अच्छी खासी ग्रोथ देखने को मिलेगी. गेहूं की बुवाई में सबसे आगे पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात का नाम आ रहा है. इन राज्यों में पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई की गई है.
राज्य |
गेहूं की बुवाई का क्षेत्रफल (18 नवंबर तक) |
पंजाब |
7.18 लाख हेक्टेयर |
राजस्थान |
4.24 लाख हेक्टेयर |
उत्तर प्रदेश |
2.59 लाख हेक्टेयर |
महाराष्ट्र |
1.05 लाख हेक्टेयर |
गुजरात |
0.67 लाख हेक्टेयर |
इस साल मोटे अनाज और चावल की बुवाई को लेकर भी नए रुझान सामने आए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 19.80 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की खेती हुई, जबकि इस साल 19.24 लाख हेक्टेयर रकबा ही कवर हुआ है. कई इलाकों में चावल की दूसरी फसल लगाई जा रही है, जिसका रकबा बढ़कर 8.03 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल 7.21 लाख हेक्टेयर में रबी सीजन के चावल की दूसरी फसल बोई गई थी.
तिलहन का भी बढ़ा रकबा
इस रबी सीजन में किसानों की रुचि तिलहनी फसलों की तरफ ज्यादा बढ़ी है. सरसों, रोई और तोरिया का नाम टॉप पर आता है. ज्यादातर किसान सरसों की बुवाई में रुचि दिखाते हैं. देश में भी खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने की कवायद की जा रही है, जिसके चलते किसानों ने इस साल तिलहन की बुवाई में अच्छा प्रदर्शन किया है.
ताजा आंकड़ों की मानें तो करीब 66.81 लाख हेक्टेयर में 6 तरह के तिलहनी फसलें बोई गई है, जबकि पिछले साल 59.22 लाख हेक्टेयर रकबा ही तिलहनी फसलों के तहत आया था. इस साल सरसों और तोरिया की बुवाई का क्षेत्रफल बढ़कर 63.25 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जो पिछले साल के रबी सीजन में 55.13 लाख हेक्टेयर तक ही सीमित था.
सिमट गई दलहन की बुवाई
कृषि मंत्रालय ने आंकड़े जारी करके बताया कि इस रबी सीजन में दलहनी फसलों की बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में कुछ कम रहा है. ताजा आंकड़ों की मानें तो इस साल देश के 73.25 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल रबी सीजन में इस समय तक 76.06 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हो चुकी थी.
बता दें कि रबी सीजन में चना और मसूर ही प्रमुख दलहनी फसलों में आती है. पिछले साल चना की बुवाई से 52.57 लाख हेक्टेयर रकबा कवर हुआ था, लेकिन इस साल ये आंकड़ा 52.83 लाख हेक्टेयर तक सिमटकर रह गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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