Fruit Product Export: गेहूं, गन्ना, चीनी व फलों के उत्पादन में भारत का डंका पहले से ही विश्व में बज रहा है. अपना देश दूसरे देशों को कृषि तथा प्रोसेस्ड फूड उत्पादो को भी भरपूर भेज रहा है. मौजूदा समय में जो आंकड़े सामने आए हैं. वह अर्थव्यवस्था के लिए पॉजीटिव इंडीकेशन है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बढ़े निर्यात की जानकारी खुद व्यापार व उद्योग मंत्रालय ने साझा की है. निर्यात में बढ़त का लाभ देश के किसानों को मिलेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, निर्यात में सुधार होने का सीधा मतलब होता है कि देश की सब्जियां और उससे बने प्रॉडक्ट विदेशों में पसंद की जा रही हैं. इससे किसानों की इनकम में वृद्धि हो रही है.


एक साल में 25 प्रतिशत की बढ़त
व्यापार व उद्योग मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कृषि तथा प्रोसेस्ड फूड उत्पादों के निर्यात में 25 फीसद बढ़त होने की जानकारी साझा की है. पिछले साल इसी पीरियड में यह 11056 मिलियन डॉलर था. मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 13,771 मिलियन डालर तक पहुंच गया है यानि एक साल में 2315 मिलियन डॉलर  के निर्यात की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. फल-सब्जी, अनाजों, लाइवस्टाक व प्रोसेस्ड फूड्स के निर्यात में भी तेजी आई है. 


इस तरह हर वर्ग में बढ़ा निर्यात
फलों का निर्यात अप्रैल-सितंबर 2021 में 301 मिलियन डॉलर था, जोकि अप्रैल-सितंबर 2022 में बढ़कर 313 हो गया है. सेरल प्रीप्रेसंस एंड मिसलेनियस प्रोसेस्ड आईटम का अप्रैल-सितंबर 2021 में 1632 मिलियन डॉलर था, जोकि अप्रैल-सितंबर 2022 में बढ़कर 2111 हो गया है. मांस, डेयरी और पालटी प्रॉडक्ट अप्रैल-सितंबर 2021 में 1903 मिलियन डॉलर रहा. यह इस साल अप्रैल-सितंबर 2022 में 2099 मिलियन डॉलर हो गया है. बासमती चावल का अप्रैल-सितंबर में निर्यात 1660 मिलियन डॉलर, जबकि अप्रैल-सितंबर 2022 में बढ़कर 2280 हो गया है. गैर बासमती चावल अप्रैल-सितंबर 2021 में 2969 मिलियन डॉलर रहा. यह अब बढ़कर 3207 हो गया है. अन्य प्रॉडक्ट की बात करें तो अप्रैल सितंबर 2021 में इनका निर्यात 2591 मिलियन डॉलर था, जोकि अप्रैल-सितंबर 2022 में बढ़कर 3761 हो गया है. इन सभी को जोड़कर ऑवर आल निर्यात की बात करें तो अप्रैल सितंबर 2021 में 11056 मिलियन डॉलर था, अप्रैल-सितंबर वर्ष 2022 में यह बढ़कर 13371 मिलियन डॉलर का हो गया है.  


बारिश से हुआ किसानों को नुकसान
निर्यात में पफल, सब्जियां, अन्य प्रॉडक्ट पसंद किए जा रहे हैं. लेकिन देश के किसान कैसे इन सब्जियों को बोता है और कितने नुकसान झेलकर मुनाफा कमाता है. यह सोचने वाली बात है. इस साल ही छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत सभी स्टेट में बारिश से करोड़ों रुपये की पफसलों का नुकसान हुआ है. हालांकि राज्य सरकारें भी किसानों की मदद के लिए आगे आई हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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