Weather Based Agriculture Advisory: किसानों के लिये खेती-किसानी को और भी ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिये खेती से जुड़ी एडवायजरी (Agriculture Advisory) जारी की जाती है, जिससे समयानुसार कृषि कार्यों को निपटाया जा सके. हर सप्ताह भी हरियाणा मौसम विभाग (Haryana Rain Alert) ने किसानों के लिये एडवायजरी जारी की है, जिसके तहत धान की खेती से लेकर कपास की फसल, पशुपालन(Animal Husbandry), मछलीपालन (Fish Farming) और मधुमक्खी पालकों (Bee Keepers) को इस समय सावधानियां बरतने की जरूरत है.


जाहिर है कि मौसम के बदलाव के कारण फसलों मे कीट-रोग की संभावना बढ़ जाती है. वहीं पशुओं के बाड़े और मछलियों के तालाब से लेकर उनके स्वास्थ्य को देखभाल की जरूरत होती है. इस सप्ताह भी हरियाणा के किसानों किसान को किन-किन बातों पर खास ध्यान देना है. यहां जानिये.


धान की खेती में प्रबंधन कार्य (Management Work in Paddy Crop)
सीधी बिजाई वाली फसलों में खरपतवार नियंत्रण के कार्य करें. खेतों में निराई-गुड़ाई का कार्य करें और अनावश्यक पौधे दिखने पर उन्हें उखाड़कर फेंक दें. किसान चाहें तो खरपतवार नाशी दवा का छिड़काव भी कर सकते हैं.



  • बासमती धान की फसल में इस समय सड़न की समस्या पैदा हो जाती है. खासकर बासमती धान के पौधों की जडें इससे काफी प्रभावित होती है. इसकी रोकथाम के लिये बुवाई से पहले ही बीज उपचार करने की सलाह दी जाती है. 

  • किसान चाहें तो 12 ग्राम ट्राइकोडर्मा हर्जियानम को प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों को संशोधित करके ही रोपाई करें. ज्यादा गहाई में धान के पौधे लगाने से भी बचना चाहिये.

  • खेत के पानी को रोकने और वर्षा जल संरक्षण के लिये बांध बनायें, जिससे सिंचाई के लिये पानी का इंतजाम हो सके.


कपास की फसल में प्रबंधन कार्य (Crop Management in Cotton)
कपास की खरीफ सीजन की प्रमुख नकदी फसल कहते हैं, इसलिये इसकी खेती और प्रबंधन कार्यों में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये. इस समय कपास की फसल में सफेद मक्खी कीट मडंराने लगते हैं, जिनकी रोकथाम के लिये मौसम साफ रहने पर जैविक या विशेषज्ञों की सलाह पर रायानिक कीटनाशकों का छिड़काव करें.


बागवानी फसलों में प्रबंधन कार्य (Horticulture Crop Management) 
जिन किसानों ने अपने खेतों में हरा चना की फसल लगाई, वे कीट-रोगों की निगरानी करते रहें. निराई-गुड़ाई के समय लक्षण देखने पर तुरंत छिड़काव का काम करें.



  • यह समय फूलगोभी, टमाटर और मिर्च जैसी सब्जियों की अगेती नर्सरी लगाने के लिये उत्तम है. महीनेभर में पौधे तैयार होने पर खेतों में भी रोपाई कर सकते हैं.  

  • खेत में जल निकासी की व्यवस्था करें और बाहर की तरफ नालियां बनायें, जिससे खेत में अतिरिक्त पानी को भरने से रोका जा सके. 


पशुपालकों के लिये एडवायजरी (Advisory for Animal farmers) 
अगस्त माह में गाय और भैंस की उचित देखभाल करते हें. दूध के बेहतर उत्पादन के लिये पशुओं को संतुलित आहार खिलायें, जिसेस पशुओं में तंदुरुस्ती बढेगी.



  • इस समय मौसम में आर्द्रता होती है, जिसके कारण पशुओं में कई बीमारियों और खासकर लंपी वायरस का खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति में पशुओं को एफएमडी के टीके लगवायें.

  • पशुओं को तनाव से राहत दिलाने के लिये दोपहर में उन्हें छायादर बाड़े में ही रखें और सुबह-शाम पशुओं को सैर पर भी ले जाये.

  • इस समय पशुओं के लिये हरे चारे की बुवाई भी कर देनी चाहिये, जिससे समय पर पशुओं के चारा संकट से ना जूझना पड़े.


मछली पालन में सावधानी (Precaution in Fish Farming) 
खासकर मछलियों के स्वास्थ्य के लिहाज से ये मौसम काफी नाजुक है, इसलिये मछलियों के तालाब या टैंक में दवा जरूर डालें और उन्हें खाने के लिये पोषणयुक्त दाना भी दें. मछलियों के टैंक की साफ-सफाई और पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखें, ताकि मछलियों के अंडों में कवक से जुड़े संक्रमण ना हों.


नये मधुमक्खी पालकों के लिये सलाह (Advisory for Bee Keepers) 
जिन किसानों ने खरीफ सीजन (Kharif Season 2022) की फसलों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन की यूनिट (Bee Keeping Unit) लगाई है, वे मधुमक्खियों के लिये संतुलित आहार का इंतजाम करें. चाहें तो मधुमक्खियों को कृत्रिम चारे के रूप में 500 मिली पानी के साथ 500 ग्राम चीनी का आहार भी बानकर दे सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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