Premier Agri & Food Technology Fair: व्यावसायिक खेती करने वाले किसानों के लिए आज कृषि ड्रोन वरदान बन चुका है. कभी बड़े-बड़े खेतों में कृषि कार्यों को निपटाने के लिए कई दिन लग जाते थे. वहीं आज ड्रोन की मदद से कुछ ही मिनटों में छिड़काव से लेकर निगरानी तक का काम बड़े आसानी से हो जाता है. चाहे खेत की मैपिंग करनी हो या फिर कीड़े, बीमारियां, खरपतवार और जानवरों से निगरानी, इन सभी कामों को ड्रोन के जरिये आसानी से पूरा कर सकते हैं.


नई तकनीक होने की वजह से कृषि ड्रोन (Agriculture Drone) काफी मंहगे हैं, लेकिन सरकार कृषि ड्रोन की खरीद पर किसानों से लेकर किसान उत्पादक संगठन और कृषि संस्थानों को 100 फीसदी तक सब्सिडी भी दे रही है. इन दिनों चंडीगढ़ में आयोजित एग्रो टेक एक्सपो में ड्रोन आकर्षक का केंद्र बन रहे हैं. ये एस्ट्रिया एयरोस्पेस के ए200 और ए200-एक्सटी ड्रोन हैं, जो बड़े से बड़े दायरे में तमाम कृषि कार्यों को चंद मिनटों में निपटा देते हैं. 


ड्रोन (ए 200)
कृषि ड्रोन का ये मॉडल खेतों के 2डी सर्वे के लिए बनाया गया है, जिसमें 24.1 एमपी का आरजीबी इमेज कैमरा और जीपीएस भी इंस्टॉल किया है. इस ड्रोन की मदद से खेत की बाउंड्री की मैपिंग, फसल के विकास और सेहत की जानकारी देता है, हालांकि ऊंचाई पर मोबाइल टावर के इंस्पेक्शन, लैंड सर्वे और माइनिंग की पहचान के लिए भी इस कृषि ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं.


ये ड्रोन स्पीड 36 किमी प्रति घंटा की स्पीड से 2 किमी की रेंज को कवर कर सकते हैं. 30 किलोमीटर की गति से बहने वाली हवा के बीच ये 35 मिनट में कृषि कार्यों को निपटा सकते हैं. ए-200 ड्रोन की कीमत 8.5 लाख रुपये बताई जा रही है.


ड्रोन (ए 200 एक्सटी)
एग्रो टैक इंडिया एक्सपो में आकर्षण का केंद्र बना ए-200 एक्सटी ड्रोन में एचडी वीडियो रिकॉर्डिंग और 10-एक्स तक जूमिंग का फीचर भी है. जहां कई कृषि ड्रोन सिर्फ दिन में ही काम आते  हैं. वहीं ए-200 एक्सटी ड्रोन में लगे इंफ्रारेड कैमरा से रात के समय भी निगरानी कर सकते हैं. करीब 14 लाख रुपये कीमत वाला ये ड्रोन खेती-किसानी के अलावा मिलिट्री, सिक्योरिटी, लॉ इन्फोर्समेंट और इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी के लिए भी कारगर है.


इस ड्रोन में जीपीएस के साथ इनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन लिंक किया है, जिसके चलते रिकॉर्डिड डेटा को चुराया नहीं जा सकता. ए-200 की रेंज 4 किलोमीटर और स्पीड 40 किमी प्रति घंटा है. 30 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही हवा के बीच ये ड्रोन 40 मिनट में खेत की निगरानी कर सकते हैं.


सरकार दे रही अनुदान
कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीक (Drone Tech) को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. इस तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (SMAM) योजना भी चलाई है, जिसके तहत कृषि ड्रोन की खरीद पर 100 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान है. इस योजना के तहत किसान उत्पादक संगठनों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी (Subsidy on Drone)  दी जा रही है.


वहीं ड्रोन को किराये पर हायर करने वाली एजेंसियों को भी आक्समिक खर्च के लिए 6,000 रुपये भी मिलते हैं. आज उत्तर भारतीय राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई किसान प्रति स्वायर किलोमीटर के हिसाब से खेती के लिए ड्रोन की सेवा ले रहे हैं, जिसके लिए 2500 रुपये का शुरुआती भुगतान भी किया जाता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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