Golden Bean Farming: क्या है गोल्डन बीन, जिसकी खेती से गजब का मुनाफा कमा सकते हैं किसान
Golden Bean Farming: सोयाबीन खाने में स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. सोयाबीन की खेती कर किसान हर साल लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
सोयाबीन खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद मानी गई है. यह कैल्शियम की कमी को पूरा करने में काफी मदद करती है, अधिकतर जिम ट्रेनर लोगों को सोयाबीन खाने के लिए कहते हैं, ताकि शरीर स्वस्थ रहे, जिस वजह से बाजार में सोयाबीन की काफी डिमांड रहती है.
सोयाबीन की खेती
सोयाबीन को गोल्डन बीन के नाम से भी जाना जाता है. सोयाबीन भारत में एक महत्वपूर्ण फसल के रूप में जानी जाती है. ऐसे में किसान इसकी खेती कर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. कई बार बारिश नहीं होने की वजह से फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में किसान सोयाबीन की खेती कर सकते हैं, इसकी खेती करने पर आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा.
हर साल होगा तगड़ा मुनाफा
किसान सोयाबीन की फसल को कम पानी और कम जमीन में आसानी से उगा सकते हैं. इससे वे हर साल तगड़ा मुनाफा भी कमा सकते हैं. बता दें कि किसान को एक हेक्टेयर में 25 से 30 क्विंटल का उत्पादन होता है. इससे किसान हर साल लाखों का मुनाफा कमा सकता है और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है.
सोयाबीन के बीज की बुवाई
सोयाबीन के बीज लगाने का सही समय बरसात के मौसम की पहली बारिश यानी मई और जून के बीच का होता है. इस समय में आप सोयाबीन के बीज अपने खेत में लगा सकते हैं, बस ध्यान रहे जब भी आप खेत में बीज लगाएं, तब खेत में पानी भरा हुआ नहीं होना चाहिए. जब भी आप खेत में सोयाबीन के बीज की बुवाई करें, तब पौधे की दूरी कम से कम 5 से 10 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
सोयाबीन की वैरायटी
ऐसा करने से पौधों को भरपूर पोषण मिलता है और सोयाबीन का उत्पादन बेहतर होता है. इसकी खेती करने के लिए आप अलग-अलग सोयाबीन की किस्मों का चुनाव कर सकते हैं. जैसे JS 335, MSC 252, JS 9308, JS 2095, JS 2036 आदि वैरायटी शामिल है. आप इनमें से किसी भी वैरायटी के सोयाबीन को अपने खेत में लगाकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
ऐसे करें यूरिया का उपयोग
सोयाबीन की खेती के दौरान किसान को यूरिया का उपयोग तीन बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करना चाहिए. आप एक हेक्टेयर में बुवाई के टाइम कम से कम 12 से 15 किलो तक यूरिया का छिड़काव कर सकते हैं. इसके बाद जब पौधे के विकास का वक्त आए, तब आप 25 से 30 किलो यूरिया का इस्तेमाल करें. जब पौधे में फूल आने लगे तब आप 40 से 50 किलो यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे तीन बार आप यूरिया का इस्तेमाल करें.