Agriculture Growth In India: केंद्र सरकार देश में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ के लिए लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है. कृषि को डिजीटलाइजेशन करने, ऑनलाइन खाते में धनराशि भेजने, आर्थिक मदद, मशीन-बीजों पर सब्सिडी देने समेत सभी कदम केंद्र सरकार उठा रही है. पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने किसानों की दशा और दिशा सुधारने में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार के जो आंकड़े सामने आए हैं. उनके मुताबिक, देश एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रोथ कर रहा है. 


8 सालों में 6.22 लाख करोड़ आवंटित
केंद्र सरकार एग्रीकल्चर क्षेत्र में आवंटित धनराशि का पूरा ब्यौरा जुटा रही है. वर्ष 2006-14 की अवधि के दौरान कृषि बजट 1,48,162.16 करोड़ रुपए था, जोकि 2014-22 के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 6,21,940.92 करोड़ रुपए हो गया. यह धनराशि देश में किसानों की हालत बेहतर करने में खर्च की जा रही है. 
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कृषि सिंचाई योजना पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च 
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत पहले 6,057 करोड़ रुपए धनराशि खर्च की गई थी. अब यह बढ़कर 15511 करोड़ रुपये पहुंच गई है. वहंी, देश में 3,855 से अधिक FPO (कृषक उत्पादक संगठन) पंजीकृत हो चुके हैं. 22.71 करोड़ मृदा स्वाइल हेल्थ कार्ड जारी कर दिए गए हैं. 11,531 परीक्षण प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है. सूक्ष्म सिंचाई कोष के तहत 17.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 4,710.96 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.


3.75 लाख करोड़ के कृषि उत्पादों का रिकार्ड निर्यात 
एग्रीकल्चर ग्रोथ के मामले में भारत का डंका विदेशों में बज रहा है. कृषि उपज को लेकर देश विश्व में अग्रणी पॉजीशन में है. भारत ने 3.75 लाख करोड़ रुपए के कृषि उत्पादों का रिकॉर्ड निर्यात किया है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि पहले जहां देश में स्टार्टअप की संख्या 100 थी. अब वह बढ़कर 4000 तक पहुंच गई है. 


कृषि ऋण प्रवाह हुआ 18.5 लाख करोड़ रुपये
देश का कृषि ऋण प्रवाह भी बढ़ गया है. पहले जहां कृषि ऋण प्रवाह 7.3 लाख करोड़ रुपए तक था. अब वह 18.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया है. किसानों को मिट्टी के पोषक तत्व सस्ती दरों पर मिलें. इसको लेकर भी केंद्र सरकार के स्तर से कदम उठाए जा रहे हैं. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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