Agriculture Growth In Bihar: भारत कृषि प्रधान देश है. देश में कृषि इकॉनामिक ग्रोथ का बड़ा हिस्सा होती है. देश की प्रत्येक स्टेट गवर्नमेंट राज्यों में एग्रीकल्चर क्षेत्र बढ़ाने पर जोर दे रही है. उधर, बिहार गवर्नमेंट ने भी बिहार में कृषि विकास का रोडमैप बड़े स्तर पर खींचना शुरू कर दिया है. स्टेट में चौथे कृषि रोड मैप का खाका खींचा जा रहा है. इस दौरान कृषि पर निर्भर लोगों को आर्थिक मदद दिलाने की कोशिश भी बिहार गवर्नमेंट कर रही है.
बिहार में लोग उसना चावल अधिक खाते हैं. काफी समय पहले प्रशासनिक लेवल पर उसना चावल मिलों की संख्या बढ़ाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बिहार के मुख्यमंत्री ने सभी अधिकिारियों को प्रत्येक जिले में उसना चावल मिल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इससे चावल की खपत अधिक बढ़ेगी और मिलों उनका रखरखाव सही ढंग से हो सकेगा.
बिहार में धान की MSP 2040 रुपये
बिहार में धान की MSP तय कर दी गई है. इस सीजन में धान का एमएसपी रेट 2040 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. जिला वार धान खरीद की कार्रवाई अलग होगी यानि हर जिले के लिए धान खरीद का लक्ष्य अलग रखा जाएगा. अधिकारी जिला लेवल पर धान खरीद का टारगेट तय करने, धान खरीद की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की तैयारियों में जुट गए हैं.
बिहार की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर
बिहार में वर्ष 2008 से कृषि रोडमैप तैयार किया जा रहा है. राज्य सरकार का मकसद कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का तेजी से विकास करना है. राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. स्टेट गवर्नमेंट हर खेत तक सिंचाई पहुॅचाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है. अधिकारियों का दावा है कि बिहार के हर घर तक बिजली पहुंच गई है.
देश का बाढ़ प्रभावित 73 परसेंट हिस्सा बिहार से जुड़ा
इस साल आपदा ने देश के किसानों पर जमकर कहर बरपाया है. स्टेट गवर्नमेंट बाढ़ और सुखाड़ दोनों को राहत देने का काम कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ और सुखाड़ प्रभावित लोगों की मदद स्टेट गवर्नमेंट कर रही है. राज्य सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार ही देश में बाढ़ से जो क्षेत्र प्रभावित हैं. उसका अकेला 73 प्रतिशत बिहार का है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.