PM Kisan Programme: केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाती हैं. इन योजनाओं में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) की गिनती सबसे लोकप्रिय स्कीम्स में हो रही है. इस योजना का लाभ लेने वाले किसान को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) और किसान पेंशन योजना का लाभ भी आसानी से मिल जाता है.इसके अलावा, सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष योजना भी बनाई है, जिसे पीएम किसान कार्यक्रम में ही शामिल किया गया है. इस योजना के तहत कटाई उपरांत प्रबंधन जुड़े कार्यों-यूनिट लगाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.


अब इस स्कीम में किसानों, कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों को एग्री बिजनेस या कृषि स्टार्ट अप (Agri Start Up Scheme) के लिए 2 करोड़ रुपये तक का लोन भी दिया जा रहा है. किसान या किसानों को समूह चाहें तो एक जुड़ होकर इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में विस्तार से.....


क्या कृषि अवसंरचना कोष योजना
कृषि अवसंरचना कोष योजना की शुरुआत 2 जुलाई 2020 को हुई. इसका मकसद फसल कटाई के बाद उपज का प्रबंधन, खेती के बुनियादी ढांचे में सुधार और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों को लॉन्च करना है. इस योजना को पीएम-किसान कार्यक्रम के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जिसका प्रमुख उद्देश्य है किसानों के लिए मध्यम अवधि के लोन की व्यवस्था करना. बता दें कि इस स्कीम में क्रेडिट गारंटी और 3% ब्याज सबवेंशन 7 साल की अवधि के लिए उपलब्ध करवाया जाता है. 
 
इन कामों के लिए मिलेगा लोन
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम (AIF Scheme) के तहत फसल कटाई के बाद उपज के प्रबंधन से जुड़े काम, उपज की ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, वेयरहाउस, पैकिंग हाउस, टेस्टिंग यूनिट्स, ग्रेडिंग यूनिट्स, कोल्ड चेन, रसद सुविधाएं और बाकी सभी सेवाएं भी शामिल है. इसके अलावा जैविक इनपुट उत्पादन, जैव उत्पादन यूनिट्स, स्मार्ट कृषि के लिए बुनियादी ढांचा और निर्यात समूहों से जुड़े कार्यों के लिए भी कृषि अवसंरचना कोष के तहत लोन का प्रावधान है. सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए इन स्कीम के तहत लोन दिया जाता है. 


कौन ले सकते है लोन
पीएम किसान कार्यक्रम में शामिल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत बैंक और वित्तीय संस्थाओं से क्रेडिट लिंक की सुविधा मिलती है. जिन लोगों को इन स्कीम का लाभ मिल सकता है, इनमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), मार्केटिंग सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूह (SHC) को कर्ज के तौर पर 2 करोड़ तक का लोन दिया जाता है. इनके अलावा, सहकारी समितियां, कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप और केंद्रीय-राज्य एजेंसी और स्थानीय निकाय के इस कार्यक्रम के तहत किसान भी कृषि कार्यों के लिए कर्ज लेने के हकदार होते हैं. 


कैसे मिलता है लोन
कृषि अवसंरचना कोष स्कीम के तहत लोन देने वाली संस्थाओं में बैंक से लेकर नाबार्ड (NABARD) जैसे वित्तीय संस्थान शामिल हैं, जो निगरानी समितियों, पीएमयू के परामर्श और परियोजनाओं का प्रीव्यू करके उधारकर्ता कै वेरिफिकेशन करती हैं, जिससे बैड लोन का जोखिम ना रहे. इस योजना का लाभ लेकर कृषि को बिजनेस में बदलने के लिए अधिक https://agriinfra.dac.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा, अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क करके भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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