Agriculture Scheme: किसानों को फसल कटाई उपरांत कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट जैसी सुविधायें मुहैया करवाने के लिए कृषि अवसंरचना कोष योजना (Agri Infra Fund Scheme) चलाई जा रही है. इस योजना के तहत नई ढांचों की स्थापना के साथ-साथ पुराने ढांचों के नवीनीकरण का भी प्रावधान है, ताकि किसानों को फसल कटाई के बाद फल, सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों के रखने के लिए अच्छी सुविधा मिल सके.
इस काम के लिए कृषि हितग्राहियों को बैंक गारंटी पर सब्सिडी के साथ लोन भी उपलब्ध करवाया जाता है. इतना ही नहीं, इस योजना के तहत कृषि मंडियों के अंदर भी कोल्ड स्टोरेज, साइलो और छंटाई यूनिट बनवाने के लिए भी विशेष छूट दी जाती है. किसान चाहें तो इस योजना का लाभ लेकर खेती के साथ-साथ एग्री बिजनेस (Agri Business) भी कर सकते हैं, जिससे दूसरे किसानों को भी फायदा पहुंचेगा.
2 करोड़ के लोन पर 3% ब्याज सब्सिडी
'कृषि अवसंरचना कोष' योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ब्याज में 3% तक की छूट प्रदान की जाती है. बता दें कि ब्याज अनुदान का लाभ 2032-22 तक ही दिया जाएगा. वहीं अधिकतम 7 साल के अंदर लोन चुकता करने के लिए सरकार की तरफ से बैंक गारंटी की भी सुविधा मिलती है.
इस योजना से जुड़कर प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, विपणन सहकारी समितियों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, स्टार्टअप और कृषि उद्यमियों को कटाई उपरांत प्रबंधन (Post Harvest Management) से जुड़ी यूनिट्स लगाने के लिए सस्ती दरों पर पैसा दिया जजाता है. इससे कृषि हितग्राहियों को कम्यूनिटी फार्मिंग असेट्स बनाने में भी मदद और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है.
इन कार्यों के लिए मिलता है पैसा
कृषि असंरचना कोष योजना के तहत वेयर हाउस से लेकर साईलो, कोल्ड चैन, लॉजिस्टिक सुविधा, पैक हाउस, ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म, ग्रेडिंग एव सोर्टिंग, प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट, फल पकाने की यूनिट (Fruit Ripening Unit) कक्ष आदि से जुड़े लोगों लाभ दिया जाता है.
वहीं सामुदायिक कृषि परियोजनाओं में आर्गेनिक इनपुट के उत्पादन की इकाईयों, स्मार्ट एवं प्रिसीजन फार्मिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, क्लस्टर्स में सप्लाई चैन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और इन क्षेत्रों में पीपीपी (PPP Model) आधारित प्रोजेक्ट्स को भी शामिल किया गया है.
किसानों को मिलेंगे ये फायदे
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का मेन फोकस फसलों की कटाई के बाद उसके प्रसंस्करण, परिवहन, भंडारण और ऑनलाइन मार्केटिंग आदि प्रबंधन से है. इस योजना का लाभ लेकर किसान अपनी उपज को सुरक्षित खेतों से निकालकर बाजारों में बेच सकेंगे.
जब बाजार में फसल के सही दाम ना मिलें तो भंडार गृहों में स्टोरेज की सुविधा दी जाएगी. इस योजना का लाभ लेकर देशभर के किसानों को फसल के सही दाम मिल पायेंगे. इससे किसानों को मुनाफा तो बढ़ेगा ही, साथ ही आय को दोगुना करने का सपना भी साकार होगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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