2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कृषि क्षेत्र की प्राथमिकताएं बदलीं हैं. मोदी सरकार की कृषि के लिए छह प्राथमिकताएं हैं. जिनमें उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम दिलाना, प्राकृतिक आपदा में समुचित राहत की राशि देना, कृषि विविधीकरण और एवं मूल्यवर्द्धन तथा प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन शामिल हैं. सरकार कृषि के लिए रोडमैप तैयार कर काम कर रही है. ये कहना है कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का.


कृषि मंत्री ने बताया है कि 2013-14 में कृषि के लिए बजटीय आवंटन 27,663 करोड़ रुपये था जो 2024-25 में बढ़कर 1,32,470 करोड़ रुपये हो गया है. इस बजट में यदि उर्वरक सब्सिडी सहित विभिन्न संबद्ध क्षेत्रों का बजट जोड़ दिया जाए तो यह राशि बढ़कर 1,75,444.55 करोड़ रुपये हो जाएगी. हालांकि इस राशि में सिंचाई का आवंटन नहीं जुड़ा है. उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे पहला काम, किसानों के सूखे खेतों में पानी पहुंचाना होगा.


जल्द आएंगे 109 नए बीज


कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सरकार ने उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत बीज तैयार किये और उन्नत किस्म के 109 बीज और जारी किए जाने वाले हैं. सरकार के इन प्रयासों की बदौलत 2023-24 में देश में कृषि उत्पादन बढ़कर 32.9 करोड़ टन पहुंच गया. इस अवधि में बागवानी उत्पादन 35.2 करोड़ टन तक पहुंच गया है. देश में दलहन और तिलहन क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है और इनका उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.


सरकार ने दलहन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य बनाया है. किसान जितनी अरहर, मसूर और उड़द पैदा करेंगे, उसे वे पोर्टल पर पंजीकृत करायें, सरकार उनकी पूरी फसल एमएसपी पर खरीदेगी.  कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि देश में दलहन और तिलहन क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है और इनका उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.


सस्ती कीमतों पर मिलता रहेगा उर्वरक


कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया का बोरा सरकार किसानों को मात्र 266 रुपये में देती है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार किसानों को मिलने वाले 50 किग्रा के डीएपी बोरे की कीमत भी सरकार ने बढ़ने नहीं दी. देश के किसानों को यह आश्वासन दिया कि उन्हें सस्ती कीमतों पर उर्वरक मिलता रहेगा.  


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