Uttar Pradesh Agriculture News: पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश से खेत जलमग्न हो गए हैं. पानी अधिक होने के कारण फसलों को खासा नुकसान (farming loss due to rain) हुआ है. नदियां- नहरें जलमग्न हैं. किसानों ने सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल (Paddy Crop Damage) को बताया है. धान को हुए नुकसान से अगले साल इसकी कीमतों में बंपर उछाल आया सकता है. उधर किसानों को नुकसान होता देख योगी सरकार भी अलर्ट मोड पर है.


बारिश से काला पड़ जाएगा चावल
इस बार की बारिश में सबसे अधिक नुकसान धान को ही बताया जा रहा है. खेतों में भरा पानी देखकर किसान के आंसू निकल रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगे राम त्यागी ने बताया कि मानसून ने दस्तक दी, लेकिन उत्तरप्रदेश सूखा ग्रस्त रहा. सूखे के कारण प्रदेश में करीब 30 प्रतिशत धान सूख गया. अब किसान उस सूखे से उबर रहे थे तो बारिश ने पूरे प्रदेश में करीब 25 प्रतिशत और धान बर्बाद कर दिया है. अनुमान के मुताबिक, खरीफ 2022 की बुवाई में धान की करीब 50 से 55 प्रतिशत फसल बर्बाद हुई है.


किसान हुये परेशान
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी किसान गप्पी पंडित ने बताया कि गहना गोवर्धनपुर गांव में करीब 800 बीघा फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. धान सूख गया था, बस कटने ही वाला था. दो दिन की बारिश में धान जमीन पर गिर गया है. बारिश से वह काला पड़ जाएगा. काले चावल को मंडी में कोई नहीं पूछता. मंडी में जो भाव किसान को मिलने चाहिए. वह नहीं मिलेंगे. हापुड़ के किसान राजेश ने बताया कि दो दिन की बारिश से सभी फसलों को नुकसान हुआ है. बुलंदशहर की जहांगीराबाद मंडी में वरिष्ठ आढ़ती योगेश गोयल ने बताया कि धान का भाव करीब 3750 प्रति क्विंटल है. बारिश से धान को नुकसान हुआ है.इससे धान की कीमतें बढ़ सकती हैं.


इन इलाकों में भारी नुकसान
तेज बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, शामली, बड़ौत में फसलों कोभारी नुकासन हुआ है. वहीं कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर आदि जिलों में भी फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.


इन फसलों को भी है नुकसान
भारी बारिश(heavy rain fall) से तिलहन, दलहन और अन्य फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग का कहना है कि बारिश दो दिन बहुत तेज हुई है. इससे उरद, मूंग, तिल और सब्जी में अगेती आलू, मटर, टमाटर, तोरिया, लौकी, कद्दू, पालक, गाजर, मूली, शलजम, फूल गोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, धनिया,  करेला, बैगन आदि को नुकसान हुआ है. बारिश कभी भी हो सकती है. विभाग परिस्थितियों पर लगातार नजर बनाए हुए है.


किसानों को मिल सकता है फसल मुआवजा
बारिश से होने वाला नुकसान प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster 2022) की स्थिति में आता है. यदि किसी किसान को अधिक नुकसान हुआ है तो वह तहसील प्रशासन में जाकर एसडीएम, तहसीलदार को सूचना दे सकता है. तहसील स्तर से कोई भी कर्मी नुकसान की समीक्षा करने आएगा. उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी. वहां से तय दर पर फसली नुकसान का मुआवजा (Crop Damage Compensation) किसान को मिल जाएगा.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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