Top Maize Varieties: मक्का रबी सीजन की प्रमुख नकदी फसल है. इसकी उन्नत किस्मों से ही स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न का प्रॉडक्शन लिया जाता है, जिसकी देश-विदेश में भारी डिमांड रहती है. अक्टूबर से लेकर नवंबर तक मक्का की बुवाई (Maize Farming) की जाती है. इस बीच किसान मक्का की उन्नत किस्मों की तलाश में रहता हैं, ताकि कम खर्च और कम समय में बेहतर उत्पादन मिल सके.


इसके अलाव मक्का के फसल अवशेष पशुओं को भी खिला सकें. हाल ही में कृषि विज्ञान केंद्र, बैंगलोर (KVK Bangalore) के कृषि वैज्ञानिकों ने मक्का की ऐसी ही दो खास किस्में इजाद की हैं, जिनसे मक्का का बंपर उत्पादन मिलता है. वहीं कटाई के बाद यदि मक्का के दाने सूख भी जाएं तो इसके बचे-कुचे अवशेष हरे-भरे रहते हैं. ये पशुओं के लिए चारे के तौर पर सबसे अच्छे और पोषण से भरपूर रहेंगे.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
मक्का की दो नई किस्मों एमएएच 14-138 (MAH 14-138) और एमएएच 15-84 (MAH 15-84) को विकसित करने वाले कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि ये किस्में मूल लाइन्स से बनाई गई है, जो अच्छा उत्पादन देती ही हैं, साथ ही कटाई के बाद भी खेतों में हरी भरी रहेंगी. इनका चारा पशुओं के लिए फायदेमंद साबित होगा. इस तरह ये किस्में दोहरे उद्देश्य को पूरा करेंगी.


इस मामले में ब्रीडर एचसी लोहिताश्वा बताती हैं कि आमतौर पर फसलों के अवशेष को सूखे चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. सूखे मक्का की डंठल भी इसी काम आती है, लेकिन नई किस्मों में कुछ खास है. इसके अवशेषों को खाने के बाद पचाना भी आसान होगा. अभी तक किसान धान और रागी जैसी फसलों का भूसा खा रहे थे, लेकिन अब मक्का भी इसमें जुड़ने जा रहा है.


क्या है इन किस्मों की खासियत



  • मक्का की नवीनतम विकसित एमएएच 14-138, को वैज्ञानिकों ने 8 सालों में तैयार किया है. इस किस्म को व्यावसायिक खेती के लिए भी मंजूरी मिल गई है. 

  • मक्का की एमएएच 14-138 किस्म की फल अवधि 120 से 135 दिनों की है, जिससे प्रति एकड़ में 35 से 38 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं.

  • वहीं एमएएच 15-84 मक्का अभी व्यावसायिक खेती के लिए अप्रूव नहीं हुई है, लेकिन अगले साल तक मंजूरी मिलने तक ये किसानों को अच्छी उपज दोगी

  • मक्का की इस किस्म की फसल अवधि 115 से 120 दिन की होती है, जिससे 40 से 42 क्विंटल तक मक्का का उत्पादन ले सकते हैं.

  • ये किस्म टर्सिकम लीफ ब्लाइट, फ्यूजेरियम डंठल सड़न और पॉलीसोरा जंग के खिलाफ ढ़ाल है. साथ ही सिंचित और सूखी जमीन के लिए भी अनुकूल है.


बढ़ रहा है मक्का का रकबा
दुनियाभर में मक्का की बढ़ती डिमांड किसानों के लिए अच्छा संकेत है. किसान चाहें तो मक्का की प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट्स बनाकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दो दशकों में मक्का की खेती का दायरा 6 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 10 मिलियन हेक्टेयर पहुंच गया है. मक्का के उत्पादन में भी 12 मिलियन टन की ग्रोथ हुई है. पहले भारत से मक्का की 20 मिलियन टन पैदावार मिलती थी, जो अब 32 मिलियन टन हो गई है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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