Organic Fertilizer Unit: भारत के जैविक उत्पादों (Organic Products) की मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ती जा रही है. किसान भी अब जैविक खेती (Organic Farming) की अहमियत समझकर रसायनमुक्त खेती कर रहे हैं. इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बेहतर बनी रहती है. साथ ही, फसल की क्वालिटी और पैदावार में भी बढोत्तरी देखी जा रही है. जैविक खेती में खाद से लेकर उर्वरक (Organic Fertilizer) और कीटनाशक भी जैविक चीजों से बनाये जाते हैं, जिन्हें किसान खुद ही बना लेते हैं.
लेकिन नये किसान जैविक खेती की तकनीक (Technique of Organic Farming) से ज्यादा वाकिफ नहीं है, इसलिये वे जैविक खाद और उर्वरक बाजार से ही खरीदते हैं. बाजार में जैविक खाद-उर्वरक की मांग भी सालभर बनी रहती है. ऐसे में कितना अच्छा रहेगा यदि किसान खेती और पशुपालन (Animal Husbandry) के साथ जैव खाद-उर्वरक बनाने की यूनिट भी लगायें. इससे खेती की लागत कम होगी और अच्छा मुनाफा हाथ लग सकेगा.
इन चीजों की जरूरत पड़ेगी
- जैव खाद-उर्वरक की यूनिट लगाने के लिये सबसे जरूरी चीज होती है गोबर, जो पशुपालन करने वाले किसानों आसानी से मिल जाती है.
- यह जानना भी जरूरी है कि यूनिट छोटे स्तर पर लगाई जा रही है या बड़े स्तर पर, इससे जमीन और बजट का अंदाजा लग जाता है.
- जैव उर्वरक बनाने के लिये कई प्रकार की मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है, जिसमें बायो रिएक्टर, बायो फर्मेंटर, ऑटो क्लेव, बॉयलर, आरओ प्लांट, कंपोस्ट सिविंग मशीन, कंप्रेशर, फ्रीजर, कन्वेयर्स शामिल हैं.
- मशीनों के अलावा उर्वरक में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे- बकरी और मुर्गियों का अपशिष्ट, फसल का कचरा और रॉक फॉस्फेट की भी जरूरत पड़ती है.
- अगर किसान छोटे पैमाने पर ही जैविक खाद की यूनिट लगा रहे हैं, तो ज्यादा मशीनों की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन मजदूरों को रखना पड़ सकता है.
- बाजार में जैविक खाद का व्यसाय शुरु करने के लिये जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
- जैविक खाद की प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिये सरकार से फर्टिलाइजर लाइसेंस लेना भी जरूरी है.
खर्च और आमदनी
जैविक खेती की यूनिट लगाने के लिये 1-5 लाख रुपये का खर्च आता है. ये खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि यूनिट की बड़ी लगाई जा रही है या छोटे पैमाने पर. इसके लिये किसानों को कम दरों पर लोन भी मिल जाता है. सरकार भी कई योजनाओं के जरिये किसानों को कृषि स्टार्ट अप (Agriculture Start Up) करने के लिये प्रोत्साहित कर रही है. इस कृषि स्टार्ट अप में ठीक प्रकार ब्रांडिग (Branding), पैकजिंग (Packaging) और मार्केटिंग (Marketing) करने पर पहले साल 1 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हो जाता है. किसान चाहें तो जैविक खाद (Organic Manure) को ऑनलाइन माध्यम(Online Selling) से देश-विदेश में बेच सकते हैं.
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