Crop Seeds: वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं- गन्ने की ये नई प्रजातियां, सेहत रहेगी फिट, बम्पर होगी पैदावार
बिहार की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने गेहूं और गन्ने की नई प्रजातियां विकसित की हैं. नई प्रजातियों की विशेषता यह है कि उत्पादन अधिक होगा. यह प्रजातियां खुद से ही रोगों से भी लड़ सकेंगी.
Wheat Seeds: रबी हो या खरीफ सीजन, किसान अच्छी किस्म के बीजों की बुआई करने की कोशिश करते हैं. साइंटिस्ट भी ऐसी ही प्रजाति खोजने की कोशिश करते हैं. जिससे पैदावार अधिक हो. फसल कीट या रोगों का हमला अधिक झेल सके और सिंचाई की अधिक जरूरत न पड़े. लेकिन समय के साथ फसलों की नई प्रजातियां भी पुरानी होने लगती हैं. उनपर रोगों का हमला बिहार की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने गेहूं और गन्ने की ऐसी ही नई प्रजातियां विकसित की हैं.
गेहूं की ये नई प्रजातियां विकसित
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के पश्चिमी चंपारण में स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने गेहूं और गन्ने की नई प्रजातियां विकसित की हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि गेहूं की पीबीडब्लू 187, 322, 252 व राजेंद्र गोंड़ तीन डेवलप की गई हैं. पीबीडब्लू 187 की पैदावार 70 से 75 कुंटल प्रति हेक्टेयर है. यह आयरन और पोषक तत्वों से भरपूर है. राजेंद्र तीन गेहूं की नई प्रजाति से 50 से 55 कुंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हो जाता है. इसमें जिंक अधिक मात्रा में है.
गन्ने की इन नई प्रजातियों की हो रही बुवाई
वैज्ञानिकों ने गन्ने की नई प्रजातियां भी डेवलप की हैैं. गन्ना की नई प्रजाति 14201, 15023, राजेंद्र गन्ना 1,2,3 हैं. इसे यूपी के बड़े हिस्से में बोया जा रहा है. वहां अच्छी पैदवार होने की जानकारी मिल रही है. राजेंद्र गन्ना चार और पांच नई वेराइटी पर रिसर्च जारी है. जल्द ही इसे भी बुआई के लिए किसानों के सामने पेश कर दिया जाएगा. इस प्रजाति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है. इस कारण रोग होने की संभावना कम है.
ठंड में अच्छी पैदवार देंगी नई प्रजातियां
बिहार के क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि खरीफ के मौसम में सूखे और बाढ़ ने फसलों को बर्बाद कर दिया था. किसानों ने जैसे तैसे कर कुछ फसलें बचाईं. अब बस पाला अधिक न पड़े. पाला अधिक पड़ा तो फसलों को नुकसान हो सकता है. रिसर्च करने वाले साइंटिस्ट का कहना है कि गेहूं और गन्ना की नई प्रजातियां सर्दियों को देखते हुए ही डेवलप की गई हैं. ये प्रजाति अधिक ठंड झेल सकेंगी. इससे किसानों की फसलों को नुकसान नहीं होगा. पैदावार भी अच्छी होगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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