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Agriculture Advisory: सावधान! वैज्ञानिकों ने जारी की खेती की एडवाइजरी, परेशानी बढ़ने से पहले जरूर निपटा लें ये 4 काम
Agriculture Advisory: जिन किसानों ने खेतों में सब्जियों की फसल लगाई हुई है, वो लगातार खेतों में फल छेदक, तना छेदक जैसे कीटों के खिलाफ छिड़काव करें. इसके लिये नीम आधारित कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं.
Weekly Agriculture Advisory: खरीफ सीजन की फसलों में तेजी से कृषि कार्य (Crop Management in Kharif Season) किये जा रहे हैं, ताकि सही समय पर उत्पादन लिया जा सके. देश के ज्यादातर किसान फसलों की रोपाई का काम करके दूसरे कृषि कार्य करने में व्यस्त है. इसकी बीच ICAR-IARI के कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि कार्यों के लिये एडवायजरी (Agriculture Advisory) जारी की है, जिसमें धान, मक्का, बाजरा, सोयाबीन जैसी नकदी फसलों में उचित प्रबंधन कार्यों के साथ-साथ सब्जी फसलों की नर्सरी (Vegetable Nursery for Rabi season) तैयार करने की सलाह दी जा रही है.
धान की फसल में कीट नियंत्रण
इस समय धान की फसल में तेजी से बढ़वार होने लगती है. खासकर धान की अगेती फसलों के पौधों में इस समय पत्त्ता लपेटक और तना छेदक जैसे कीटों का संकट मंडरा रहा होता है. ऐसी स्थिति में किसानों को लगातार निगरानी करने की सलाह दी जा रही है. इतना ही नहीं, फसलों के बीच-बीच में उगने वाले हानिकारक पौधे-खरपतवार भी इन कीट और बीमारियों को न्यौता देते हैं, इसलिये सबसे खरपतवारों का नियंत्रण करने के लिये निराई-गुड़ाई का काम करें. इसके बाद ही कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिये.
- किसान चाहें तो इन कीटों की रोकथाम के लिये गौ मूत्र और नीम के तेल से जैविक कीटनाशक बनाकर छिड़क सकते हैं.
- तना छेदक कीटों के रासायनिक नियंत्रण के लिये प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 फिरोमोन ट्रैप लगाने की सलाह दी जा रही है.
खरपतवार नियंत्रण
धान के अलावा बाजरा, मक्का और सोयाबीन की फसलों के लिये ICAR-IARI के वैज्ञानिकों ने कड़ी निगरानी करने की सलाह दी है. इन नकदी फसलों के किसान अपने खेतों में लगातार निराई-गुड़ाई का काम कर करते रहे, जिससे फसलों का तेजी से विकास हो सके और खरपतवारों की समस्या को भी दूर किया जा सके. किसान चाहें अतिरिक्त आमदनी के लिये इन फसलों के बीच-बीच सब्जियों की रोपाई का काम कर सकते हैं.
गाजर की नर्सरी तैयार करें
यह समय गाजर की खेती के लियये सबसे उत्तम है. इस बीच विशेषज्ञ भी गाजर की पूसा वृष्टि किस्म से मेड़ों में पर बुवाई करने की सलाह दे रहे हैं. किसान चाहें प्रति एकड़ खेत में मेड़ों पर गाजर की बुवाई के लिये 4 से 6 किग्रा बीजदर का प्रयोग करें. सबसे जरूरी बात, बुवाई से पहले गाजर के बीजों 2 ग्राम केप्टान से उपचारित करें, जिससे बीजों का अंकुरण और पौधों का विकास ठीक प्रकार से हो सके. इसके अलावा खेत में भी मिट्टी की जांच के आधार पर ही पोषक तत्वों और खाद का प्रयोग करें.
सब्जियों की खेती
जिन किसानों ने खेतों में सब्जियों की फसल लगाई हुई है, वो लगातार खेतों में फल छेदक, तना छेदक जैसे कीटों के खिलाफ छिड़काव करें. इसके लिये नीम आधारित कीटनाशक(Neem Based Pesticides) का प्रयोग कर सकते हैं.
- इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में फिरोमैन ट्रैप (Pheromone Trap) या फिर लाइट ट्रैप (Light Trap) का प्रयोग करके कीट नियंत्रण का कार्य कर सकते हैं.
- जिन किसानों ने नई सब्जियों की नर्सरी (Vegetable Nursery) तैयार की है, वे भी समय रहते जैविक विधि (Organic Farming) से खेत तैयार करके पौधों की रोपाई का काम निपटा लें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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