Agriculture Growth In India: देश के सभी स्टेट एग्रीकल्चर ग्रोथ को लेकर काम करते हैं. विदेशी कंपनियां भी देश में निवेश करने को उतावली रहती हैं. उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट भी कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. हर साल गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन का रकबा स्टेट में बढ़ रहा है. यूपी में निवेश के लिए विदेशी कंपनियां भी दिलचस्पी दिखा रही हैं. ये कंपनियां फाइनेंस के साथ तकनीक भी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ साझा करेंगी. 


अमेरिकन कंपनियों को दिया न्यौता


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जीआइएस-2023 की नोडल एजेंसी इंवेस्ट यूपी के मुताबिक, एग्रीकल्चर समेत 9 सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकन कंपनियों के निवेश पर फोकस किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने इस संबंध में अमेरिकन कंपनियों को न्यौता भेजा है. अमेरिकन कंपनियों के अधिकारियों ने जिन सेक्टरों में निवेश की इच्छा जताई है. उनमें कृषि प्रमुख है. इसके अलावा आइटी व इलेक्ट्रानिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल, चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और आटोमोबाइल सेक्टर में भी अमेरिकन कंपनियां निवेश करेंगी. 


नई तकनीक से उन्नत होगी खेती


उत्तर प्रदेश तकनीक से लेस खेती पर जोर दे रही है. इसे लिए सब्सिडी पर किसानों को नई तकनीक के उपकरण दिए जा रहे हैं. खरीफ व रबी सीजन की फसलों के उत्पादन और बेहतर कैसे किया जा सकता है. इसपर भी विदेशी कंपनियों के अधिकारी यहां आकर देखेंगे. किस फसल को देश की पहचान के तौर पर विकसित किया जा सकता है. यह भी देखा जाएगा.  


इन कंपनियों के संपर्क में उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट


यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (यूपी-जीआइएस-2023) के माध्यम से अब तक नौ विदेशी कंपनिायें ने स्टेट में इनवेस्ट करने की सहमति दे दी है. प्रदेश में 90 हजार से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्लस्टर हैं. ये सभी क्लस्टर अमेरिकन बिजनेस मैन के संपर्क में हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अभी किसानों का पारंपरिक खेती पर ही जोर है. विदेशी कंपनियां यदि स्टेट में निवेश करती हैं तो इससे अलग तरह की खेती को बढ़ावा मिलेगा. फसल उत्पादन भी बढ़ सकेगा. अमेरिकन कंपनियों के इस कदम से किसानों की आय भी बढ़ेगी.  



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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