Operation Greens: क्या है सरकार का 'ऑपरेशन ग्रीन्स', जो टमाटर के दिला सकता है दोगुने दाम, खुशहाल हो जाएंगे किसान
Tomato Marketing: टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते किसानों को उपज के सही भाव नहीं मिलते और इसे नष्य करने पर मजबूर हो जाते हैं. इसके समाधान के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन्स चलाया है.
Tomato Price: देश में सब्जी फसलों की केती बड़े पैमाने पर की जाती है. इस साल के आंकड़ों की मानें तो सब्जियों का उत्पादन तो बढ़ ही है, निर्यात में भी ग्रोथ दर्ज की गई है, लेकिन कभी-कभी चुनिंदा सब्जियों के बाजार भाव में उतार-चढ़ाव के कारण किसानों को सही दाम नहीं मिल पाते. इसके कारणवश किसानों को पूरी उपज फेंकनी या बर्बाद करनी पड़ जाती है. ये परेशानी आलू, प्याज, टमाटर और मिर्च जैसी सहाबहार सब्जियों के साथ ज्यादा रहता है.
अधिक मांग के कारण किसान इन फसलों की खेती में ज्यादा रुचि लेते हैं, लेकिन कभी-कभी बाजार में आपूर्ति बढ़ जाती है और किसान को फसल की लागत के बराबर भी भाव नहीं मिलते. टमाटर की उपज के साथ यह समस्या ज्यादा रहती है. इसी समस्या का समाधान निकालने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ऑपरेशन ग्रीन्स (Operation Greens) चलाने की योजना बनाई है. आइए जानते हैं इससे किसानों को मिलने वाली सुविधाओं और फायदों के बारे में.
क्या है ऑपरेशन ग्रीन्स
टमाटर की उपज बेचने वाले किसानों को बाजार में उचित दाम दिलवाने के लिए ही आंध्र प्रदेश सरकार ने 'ऑपरेशन ग्रीन्स' चलाया है. इस प्रोग्राम के तहत लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (LEAF) की सेवाओं को सूचीबद्ध किया है. इस प्रोग्राम से चित्तूर, अनंतपुर और वाईएसआर कडप्पा में टमाटर की खेती वाले इलाकों में एकीकृत टमाटर मूल्य श्रृंखला विकसित करना है, जिससे टमाटर की उपज भी खराब ना हो और किसान को भी मेहनत का सही मोल मिल जाए. इस प्रोग्राम में कृषि सेक्टर से जुड़े तमाम हितधारकों को जोड़ा जाएगा, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर उपभोग स्थलों की पूरी चेन पर नजर रखेंगे. अच्छी बात ये है कि टमाटर की मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी (APFPS)का पूरा सहयोग मिलेगा.
मार्केटिंग और प्रोसेसिंग से बढ़ेगी इनकम
जब बाजार में कृषि उपज के सही भाव नहीं मिलते तो किसानों को उसका भंडारण या प्रोसेसिंग करने की सलाह दी जाती है. देश-विदेश में प्रोसेस्ड फूड की बढ़ती डिमांड के चलते प्रोसेसिंग बिजनेस किसानों के लिए कारगर साबित हो रहा है. इसी तर्ज पर आंध्र प्रदेश सरकार भी किसानों का सहयोग करेगी. अब से टमाटर की मार्केटिंग से लेकर प्रोसेसिंग तक राष्ट्रीय कृषि निगम विपणन संघ लिमिटेड (NAFED) एक कॉर्डिनेटर ऑर्गेनाइजेशन के तौर पर काम करेगा, जिसका काम होगा उपज की सही कीमत दिलवाने के उपायों को खोजना. एक्सपर्ट्स की मानें तो लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया के साथ हुआ समझौता किसानों को सही दाम दिलवाने में मदद करेगा.
किसान उत्पादक सगंठनों को बढ़ावा
लॉरेंसडेल एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया (LEAF), आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसाइटी (APFPS) और गैर-सरकारी संगठन APMAS को फोकस किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित करने पर रहेगा. इस मामले में आंध्र प्रदेश के कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी ने बताया कि राज्य में इस तरह के सपोर्ट, मार्केटिंग और फूड प्रोसेसिंग से किसानों को नुकसान नहीं होगा और अच्छी आमदनी लेने में भी मदद मिलेगी.
सीमांत किसानों को फायदा
एक्सपर्ट्स की मानें तो ऑपरेशन ग्रीन्स कै प्रमुख उद्देश्य सीमांत किसानों को कीमत और बाजार को लेकर सही पूर्वानुमान प्रदान करता है. अभी तक किसानों को टमाटर की हार्वेस्टिंग के बाद कई-कई दिनों तक मंडियों में बिक्री के लिए भटकना पड़ता था. जब सही दाम नहीं मिलते थे, तो किसानों को मजबूरी में सारी उपज नष्ट करनी पड़ जाती थी, लेकिन अब से सही पूर्वानुमान मिलने पर उपज की कटाई के बाद से ही LEAF, APFPS और APMAS प्रोसेसिंग की क्षमता को बढ़ाने, सही मार्केटिंग लिंक प्रदान करने और इंटेलिजेंस के सुधार में अपना पूरा सहयोग देंगे. इतना ही नहीं, इस प्रोग्राम के वित्त पोषण तक पहुंच बनाने के लिए खुद APFPS राज्य और केंद्र सरकार के संपर्क में रहेगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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