Crop Waste Management: पिछले दिनों मौसम की अनिश्चितता के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इससे किसान तो परेशान हैं ही, पशुओं के लिए भी चारा संकट (Shortage of Fodder) पैदा होता जा रहा है. बाजार में भी पशु चारे के भाव (Price of Animal fodder) आसमान छू रहे हैं. इसी कारण अब छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए पशुओं का पेट पालना भी मुश्किल होता जा रहा है. इससे पशुओं की सेहत के सा-साथ दूध के उत्पादन (Milk Production) भी प्रभावित हो रहा है.


ऐसी स्थिति में पशुओं को एक खास पशु आहार खिलाकर उनकी सेहत को तंदुरुस्त बना सकते हैं. हम बात कर रहे हैं पराली से बने पशु आहार (Stubble Animal Fodder) की, जिसे बनाने के लिये अलग से खर्चा करने की जरूरत नहीं पड़ेती, बल्कि यह खेतों से ही मिल जाता है. आप चाहें तो इसे किसानों से भी खरीद सकते हैं.  


पोषक तत्व मिलायें
जो लोग पराली को कचरा समझ कर जला देते हैं. अब वही पराली पशुओं के लिए वरदान बनेगी. पराली से पशु आहार बनाने के लिए मक्की, हरा चारा, दलिया और पोषक तत्व मिला सकते हैं. ध्यान रखें कि पराली के पशु चारे की बेहद बारीकी से कटाई की जाती है, जिससे पशुओं को ये चारा पचाने में आसानी रहे. इससे पराली का तो सही निपटारा होगा ही, पशु चारे की समस्या भी हल हो जाएगी.


हरा चारा भी डालें
पराली का पशु आहार बनाने के लिए पराली के चारे को बारीक काटकर स्टोर कर सकते हैं. इसके बाद जब-जब हरे चारे की आपूर्ति होती रहे तब इस पराली के भूसे के साथ हरा चारा मिलाकर पशुओं को खिला सकते हैं. इतना ही नहीं, सर्दियों में पशुओं को पोषण की आपूर्ति के लिये दलिया को बारीक पीसकर मिलाने और समय-समय पर पशुओं को खिलाने की सलाह दी जाती है.






पशु आहार में डालें दाना
सर्दी आते-आते पशु चारे की समस्या भी पैदा हो जाती है. इन दिनों हरा चारा मिलना जैसे मुश्किल हो जाता है, लेकिन पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन के मद्देनजर पशुओं को पराली से बना पशु चारा खिलाना भी कम फायदेमंद नहीं होता. वैसे तो यह पशु चारा साधारण ही होता है, लेकिन इसमें मिनरल्स की मात्रा बढ़ाने के लिए तरह-तरह के दानों का मिश्रण भी डाल सकते हैं. पशुओं को खिलाने से पहले पराली के पशु आहार में बाजरा, कड़वी, रिजका, सीवण घास, गेहूं की तुड़ी का मिश्रण भी संतुलित मात्रा में डाल सकते हैं.


अब ये पशु आहार समय-समय पर खिलायें. इससे दूध उत्पादन अच्छा हो जाता है. वहीं समय-समय पर इसके साथ हरा चारा भी दिया जाए तो पशुओं की तंदुरुस्ती बनी रहती है. वैसे तो दलहनी और तिलहनी फसलों का चारा भी पशुओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता. पशुपालक चाहें तो सरसों, चरी, लोबिया, रजका या बरसीम को भी संतुलित पशु आहार में शामिल कर सकते हैं.


पशु आहार बनाने की विधि
पशुओं के लिए संतुलित पशु आहार (Animal Nutrition)  बनाने के लिए बहुत पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि गेहूं का दलिया, चना, खल, ग्वार और बिनौला आदि के जरिए घर पर ही पशु आहार (Animal Fodder) तैयार कर सकते हैं. इसे बनाने के लिए इन सभी को 1 दिन पहले पानी में भिगो दिया जाता है. अगले दिन इसे पानी में उबालकर और ठंडा करके पशुओं को खिला सकते हैं. इससे पशुओं की सेहत बेहतर रहती है. साथ ही दूध उत्पादन (Milk Production) भी पहले से बेहतर हो जाता है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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