Animal Husbandry Scheme: भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संवारने में पशुपालन (Animal Husbandry) और डेयरी फार्मिंग व्यवसाय (dairy Farming Business) का अहम योगदान है. यही कारण है कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिये भी खेती के साथ-साथ पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस तरह भारत को दूध उत्पादन   (Milk Production in India) के क्षेत्र में आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी. इस बीच पशुओं को सुरक्षा कवच प्रदान करने और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिये कई पशुपालन योजनायें (Animal Husbandry Scheme) चलाई जा रही है. इससे पशुपालकों को कम खर्च और कम नुकसान में अच्छा मुनाफा कमाने में मदद मिलेगी और पशुओं को भी बेहतर विकास के लिये सही वातावरण मिलेगा. इन योजनाओं में पशुधन बीमा योजना, चारा विकास योजना, डेयरी उद्यमिता योजना, पशु किसान क्रेडिट कार्ड आदि शामिल हैं.


पशुधन बीमा योजना
फसलों की तरह पशुओं से जुड़ी समस्याओं और जोखिमों को कम करने के लिये केंद्र सरकार ने पशुधन बीमा योजना (Pashudhan Beema Yojana) की शुरूआत की. इस योजना के तहत 3 साल के लिये बेहद कम ब्याज दरों पर पशुओं का बीमा करवा सकते हैं. इतना ही नहीं, पशुधन बीमा की ब्याज दरों पर भी केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी का प्रावधान है, जिसमें एपीएल और बीपीएल पशुपालकों को 50 प्रतिशत और एससी-एसटी पशुपालकों को 70 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान है.  बता दें कि इस योजना के तहत बीमित पशु की मृत्यु होने पर लाभार्थी पशुपालक को 15 दिन के अंदर मुआवजे की रकम प्रदान की जाती है, जिससे पशुपालकों को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है. इस योजना के तहत गाय, भैंस और बकरी जैसे दुधारु पशुओं से लेकर मुर्गी और खरगोश जैसे मांस उत्पादित पशुओं को भी बीमा कवर प्रदान किया जाता है. 


चारा विकास योजना
भारत में पशु पालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन विभाग की ओर से संयुक्त रूप से चारा विकास योजना चलाई जा रही है, जिससे पशु चारा के लिये राज्यों के प्रयासों को मदद दी जाती है. इस योजना के तहत चारा परीक्षण प्रयोगशालाओं को मजबूती, भूसा कटाई यंत्रों की जानकारी, ज्यादा से ज्यादा साइलो-संरक्षण इकाइयों की स्थापना, बाय-पास प्रोटीन उत्पादन इकाइयों की स्थापना और पशुपालकों के लिए खनिज मिश्रण (ASMM) इकाइयों/चारा गोली निर्माण इकाइयों/चारा उत्पादन इकाइयों को तैयार करने के लिये सहायता प्रदान की जाती है. 


डेयरी उद्यमिता योजना
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme) को साल 2010 में शुद्ध दूध उत्पादन के लिये डेयरी फार्मों की स्थापना के लिये शुरू किया गया. इस योजना के तहत किसानों या पशुपालकों को 10 दुधारु पशुओं के साथ डेयरी फार्म खोलने के लिये इकाई लागत पर 25 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों से ताल्लुक रखने वाले किसानों को 33 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान है. बता दें कि इस योजना का लाभ लेकर गांव या शहरों में कोल्ड स्टोरेज यूनिट भी शुरू कर सकते हैं, जिसके लिये सरकार और सहकारी बैंकों से कम ब्याज दरों पर लोन भी दिया जाता है.


राष्ट्रीय डेयरी योजना
इस योजना (National Dairy Scheme) के तहत दुधारु पशुओं से बेहतर मात्रा में दूध उत्पादन के उपायों पर जोर दिया जाता है, ताकि दूध और डेयरी उत्पादों की  बाजार मांग को पूरा किया जा सके. बता दें कि इस योजना के तहत करीब 18 राज्यों को शामिल किया गया है, जहां संगठित दूध प्रसंस्करण क्षेत्रों तक ग्रामीण दूध उत्पादकों की पहुंच को आसान बनाया जा रहा है. 


पशु किसान क्रेडिट कार्ड
किसानों के लिये किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) जैसी ही पशुपालकों की पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना है, जिसके तहत पशुपालकों को दुधारु पशुओं की खरीद के लिये 1.60 लाख तक का लोन (Animal Husbandry Loan)  दिया जाता है. इस योजना के तहत लाभार्थी पशुपालकों को कार्ड वितरित किये जाते हैं, जिन पर कार्डधारक किसान या पशुपालकों को बिना गांरटी के 7 प्रतिशत ब्याज पर ऋण का प्रावधान है. इतना ही नहीं, ब्याज की राशि पर पशुपालकों को अन्य 3 प्रतिशत की छूट (Subsidy on Pashu KCC)  प्रदान की जाती है. बता दें कि पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड (Pashu Kisan Credit Card) की मदद से प्रति भैंस 60249 रुपये और प्रति गाय 40783 रुपये का कर्ज दिया जाता है. 


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