Dairy Farming: अगर आप भी घर में रखते हैं गाय, भैंस तो सरकार से मिल सकते हैं 5 लाख रुपये, ये है तरीका
National Gokul Mission: गाय-भैंस की देसी प्रजातियों वाले पशुपालक ही 5 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपये का गोपाल रत्न पुरस्कार पाने के हकदार हैं. आप भी ये काम और तैयारियां करके 5 लाख जीत सकते हैं.
Gopal Ratan Award: पशुपालन या डेयरी फार्मिंग करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. वैज्ञानिक तकनीक से देसी पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने वाले किसानों को सरकार 5 लाख रुपये का पुरस्कार देती है. इसके लिए हर साल गोपाल रत्न अवॉर्ड का भी आयोजन किया जाता है. हर साल किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं और गाय-भैंस की देसी प्रजातियों के संरक्षण-संवर्धन करने वाले पशुपालकों को 2 लाख, 3 लाख और 5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है.
ये पुरस्कार प्रतिवर्ष राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2022) के अवसर पर विजेता किसानों को दिया जाता है. इस साल तो आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन आप चाहें तो अभी से देसी पशुओं के हित में कार्य करके अगले साल गोपाल रत्न अवॉर्ड (Gopal Ratan Award) और 5 लाख रुपये का पुरस्कार जीत सकते हैं. आइए आपको बता दें कि ये अवॉर्ड जीतने के लिए पशुपालकों और डेयरी किसानों की क्या पात्रता होती है. किन किसानों को चुना जाता है और किस आधार पर ये अवॉर्ड दिया जाता है.
क्यों दिया जाता है गोपाल रत्न पुरस्कार
भारत के ग्रामीण इलाकों में बड़ी आबादी पशुपालन और डेयरी फार्मिंग बिजनेस से जुड़ी होती है. गोपाल रत्न पुरस्कार योजना चलाने का भी यही मकसद है कि जो भी किसान, पशुपालक, डेयरी सहकारी समिति, दुग्ध उत्पादक कंपनी, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन आदि देसी प्रजातियों के सरंक्षण-संवर्धन का काम कर रहे हैं, उनके काम की सराहना करना और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना. इससे देश का पशुधन समृद्ध होगा और दूध उत्पादन भी बढ़ाया जा सकेगा.
विजेता को 5 लाख का नकद पुरस्कार
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार में अलग-अलग श्रेणियों के लिए 9 पुरस्कार दिये जाते हैं. इनके लिए नकद भी अलग रखी गई है, जिसके साथ प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न भी दिया जाता है.
- पहले विजेता पशुपालक को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है.
- दूसरे विजेता पशुपालक को 3 लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है.
- तीसरे विजेता को 2 लाख रुपये का नकद इनाम मिलता है.
कौन कर सकता है आवेदन
भारत सरकार ने गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए पात्रता निर्धारित की है, जो मेन फोकस गाय-भैंस की देसी प्रजातियों की उत्पादकता, संरक्षण-संवर्धन, दूध उत्पादन में ग्रोथ और दूध के लिए बाजार उपलब्ध करवाने पर है. साल 2022 का गोपाल रत्न अवॉर्ड भी इन सभी श्रेणियों के तहत दिया जाएगा. आप चाहें तो अगले साल ये पुरस्कार अपने नाम करवाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर सकते हैं.
- देसी गाय या भैंस की नस्लों का पालन-पोषण करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन
- सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति या दुग्ध उत्पादक कंपनी या डेयरी किसान उत्पादक संगठन
पुरस्कार के लिए उपलब्धियां
गोपाल रत्न अवॉर्ड के लिए पशुपालन, डेयरी किसान, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन, सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति, दुग्ध उत्पादक कंपनी और डेयरी किसान उत्पादक संगठन को आमंत्रित किया जाता है. नीचे दिए गए कामों में सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन करने के वाले उम्मीदवार को ही पुरस्कार मिलता है.
- गाय की 50 देसी नस्ल और भैंस की 17 देसी नस्लों को बनाए रखने, इनकी उत्पादकता बढ़ाने और संरक्षण-संवर्धन करने वाला डेयरी किसान या पशुपालक गोपाल रत्न पुरस्कार जीत सकते हैं.
- राज्य, संघ राज्य क्षेत्र पशुधन विकास बोर्ड, दूध संघ, गैर सरकारी संगठनों और अन्य निजी संगठनों में कार्यरत कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन, जिनके पास कम से कम 90 दिन की ट्रेनिंग हो.
- गांव में स्थापित डेयरी बिजनेस की गतिविधियों से जुड़ी सहकारी समिति, दुग्ध उत्पादक कंपनी (MPC), किसान उत्पादक संगठन (FPO), जिनके साथ कम से कम 50 किसान काम करते हैं और रोजाना 100 लीटर दूध इकट्ठा करती हैं. वो भी सहकारी अधिनियम/कंपनी अधिनियम के तहत गोपाल रत्न अवॉर्ड जीत सकती हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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