Lumpy Loss Compensation: पिछले कुछ महीनों से भारत में लंबी त्वचा रोग का अपना कहर बरपा रहा है. अभी तक इस महामारी की चपेट में आकर लाखों मवेशी अपनी जान गवा चुके हैं. राज्य सरकारें भी लगातार वैक्सीनेशन अभियान और रोकथाम के उपायों के लिए पशुपालकों को जागरूक कर रही हैं. इसके बावजूद संक्रमित पशुओं के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों को बड़ी राहत दी है.
राज्य में लंपी रोग से मरने वाले पशुओं के लिए 3091 पशुपालकों को 8.05 करोड रुपये का मुआवजा दिया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र करीब 33 जिलों में पशु लंपी संक्रमण से ग्रस्त है. यहां पशुपालक तो परेशान हैं ही, दूध उत्पादन के कारण आमदनी भी घटती जा रही है. ऐसे में सरकार का यह कदम पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है.
लंपी पशु हानि के लिए मुआवजा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के 33 जिलों में हजारों पशु लंपी संक्रमण से ग्रस्त हैं. इस मामले में राज्य के पशुपालन आयुक्त सचिंद्र प्रताप ने मीडिया को बताया कि राज्य में लंपी त्वचा रोग (Lumpy Disease) से जान गवाने वाले मवेशियों के लिए 8.05 करोड रुपए की मुआवजा राशि जारी की गई है. इसमें लंपी से संक्रमित गायों की मृत्यु पर 30000 रुपये का मुआवजा और बैलों की मृत्यु पर 25000 रुपये मुआवजा (Compensation for Lumpy Animals) दिया गया है.
इतना ही नहीं, लंपी संक्रमित बछड़ों की मृत्यु पर भी 16000 रुपये की सहायता राशि 3091 पशुपालकों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है. फिल्हाल, राज्य में लंपी त्वचा रोग के घातक परिणामों को रोकने के लिए टीकाकरण (Lumpy Vaccination) अभियान जारी है. अब सरकार ने गायों के साथ बछड़ों का टीकाकरण करने के भी आदेश दिए हैं. इसके लिए पशुपालकों से भी लगातार अपील की जा रही है कि वह अपने मवेशियों का टीकाकरण करवाएं, जिससे जोखिम की संभावना कम रहे.
महाराष्ट्र में लंपी का निशुल्क टीकाकरण
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 31 अक्टूबर तक करीब 33 जिलों के 3204 गांव में लंपी से संक्रमित पशुओं की तादाद काफी है. राज्य में करीब 1 लाख 72 हजार 528 मवेशी लंपी संक्रमण से ग्रस्त थे. इनमें से करीब 1 लाख 12 हजार 683 पशुओं का इलाज किया जा चुका है. अब ये पशु को एक दम स्वस्थ है, लेकिन बाकी पशुओं का इलाज जारी है. लंपी संक्रमण से पीड़ित होने के कारण जो पशु काफी कमजोर हो जाते हैं, वह अपनी जान गवा रहे हैं. इस महामारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कई जिलों में 140.9 7 लाख वैक्सीन मुहैया करवाई हैं, जिनमें से 136.18 लाख पशुओं का फ्री वैक्सीनेशन किया जा चुका है.
इन जिलों में पूरा हुआ टीकाकरण
महाराष्ट्र में पशुओं के फुली वैक्सीनेटेड जिलों में जलगांव, अहमदनगर, धुले, अकोला, औरंगाबाद, बीड़, उस्मानाबाद, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, वाशिम, जालना, हिंगोली, नंदुरबार और मुंबई उपनगर शामिल है. यहां निजी संस्थाओं के साथ-साथ सहकारी दुग्ध संघ और व्यक्तिगत पशुपालकों ने भी अपने पशुओं का टीकाकरण किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो महाराष्ट्र में लगभग 97.54% गोवंशओं का टीकाकरण पूरा हो चुका है. फिलहाल राज्य में इस रोग के घातक परिणामों को नियंत्रित करने के लिए पशुओं का इलाज जारी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.