Animal Treatment: देश में लंपी वायरस ने जमकर कहर बरपाया. बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत अधिकांश राज्यों में लाखों पशु वायरस की चपेट में आ गए. हजारों संक्रमित पशुओं की मौत तक हो गई. पशु रोग विशेषज्ञों ने कहा कि जिस तरह लोगों के लिए कोरोना वायरस खतरनाक रहा, उसी तरह लंपी ने पशुओं को परेशान करके रख दिया. हालांकि अब लंपी वायरस को लेकर उतनी गंभीर स्थिति नहीं है. लेकिन भविष्य में इस तरह का वायरस फिर से परेशान करे. इसको लेकर राज्य सरकारें जुटी हुई हैं. 


छत्तीसढ़ में इलाज के लिए घर पहुंचेगी टीम
छत्तीसगढ़ में पशुओं के इलाज के लिए आधुनिक व्यवस्था की जा रही हैं. दुर्ग जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसी को लेकर बैठक की गई. बैठक में डीएम ने निर्देश दिए कि पशुओं के उपचार के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा. इस हेल्पलाइन को सार्वजनिक जगह पर प्रचारित किया जाएगा. पशु चिकित्सकों की टीम का गठन किया जाएगा. जैसे ही कॉल कर कोई पशु बीमार होने के संबंध में मदद मांगेगा. तुरंत टीम जांच करने के लिए मौके पर पहुंच जाएगी. 


छत्तीसगढ़ में बढ़ गया तिलहन-दलहन का रकबा
बैठक में जिले में दलहन, तिलहन व अन्य पफसलों के बढ़े रकबे को लेकर भी चर्चा की गई. रिकॉर्ड के अनुसार, जनपद में तिलहन का रकबा 36 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं दलहन फसल का एरिया 5 प्रतिशत तक बढ़ा है. डीएम ने इन फसलों के रकबे को बढ़ाने पर जोर दिया. डीएम ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की. समीक्षा में सामने आया कि 146 किसानों को बीमा दावे का भुगतान नहीं मिला था. सभी किसानों से दस्तावेज जमा कराए गए और उन्हें भुगतान कर दिया गया. 


बिहार सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
छत्तीसगढ़ में जहां पशुओं के इलाज को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी करने की कवायद चल रही है. वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार ने हेल्पलाइन नंबर जारी भी कर दिया है. बिहार सरकार के अधिकारियों के अनुसार, पशु स्वास्थ्य रक्षा कार्यक्रम के तहत पशुओं को गॉ पॉक्स के टीके फ्री में लगाए जा रहे हैं. यदि टीका नहीं लग पा रहा है या किसी तरह की परेशानी सामने आ रही है तो तुरंत ही शिकायत की जा सकती है. इसके लिए बिहार पशुपाल निदेशालय ने हेल्पलाइन नंबर- 0612-223-942 जारी कर दिया है. बिहार के कई जिलों में पशुओं को टीकाकरण के लिए अभियान चलाया जा रहा है. 


 Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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