(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Cow Hug Day: 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे नहीं, 'काउ हग डे' मनाएं, पशु कल्याण बोर्ड ने कहा- 'गाय को गले लगाकर जताएं प्यार'
14 February Celebration: पशु कल्याण बोर्ड ने अपील की है कि 14 फरवरी को 'वैलेंनटाइन डे' के तौर पर सेलिब्रेट करने के बजाए 'काउ हग डे' के रूप में मनाएं और गाय को गले लगाकर उनसे प्यार जताएं.
14 February Cow Hug Day: पूरी दुनिया में फरवरी को प्रेम का महीना कहा जाता है. खासतौर पर 7 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक वेलेंटाइन वीक मनाया जाता है. इस दौरान प्रेमी जोड़े एक दूसरे के लिए अपने प्यार का इज़हार करते हैं और तरह-तरह उपहार भी देते हैं. पश्चिमी संस्कृति में वेलेंटाइन वीक को प्यार जताने का अच्छा अवसर मानते हैं. वैसे तो भारत में भी अब प्रेमी जोड़ों में वेलेंटाइन वीक का चलन बढ़ रहा है, लेकिन ये जरूरी तो नहीं कि आप सिर्फ इंसानों से ही प्यार करें, पशुओं पर थोड़ा प्रेम और स्नेह न्यौछावर कर सकते हैं.
एनिमल वेल्फेयर बोर्ड की अपील को काबिल-ए-तारीफ बताया जा रहा है. अपने एक बयान में एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने आग्रह किया है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाने के बजाए 'काउ हग डे' के तौर पर मनाएं और गाय को गले लगाकर उनसे थोड़ा प्यार जताएं.
गाय को गले लगाने का वैज्ञानिक महत्व
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन पशु कल्याण बोर्ड की एक अपील में विज्ञान छिपा हुआ है. बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया जा चुका है कि गाय को गले लगाना सिर्फ उनकी सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि इंसानों की हेल्थ के लिए भी काफी अच्छा है. इससे शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और तनाव कम करने वाले ऑक्सिटॉसिन हार्मोन भी बढ़ते है. बता दें कि ये हार्मोन सोशल बांडिंग के वक्त शरीर में बनते हैं. इसके अलावा पालतू जानवरों के साथ थोड़ा समय बिताने, उनके साथ खेलने और बैठने से मन को शांति मिलती है.
साल 2017 में बड़ा पालतू-दुधारु जानवरों पर हुए एक रिसर्च से यह भी पता चला कि गाय की गर्दन और पीठ को कुछ समय तक सहलाया जाए तो गाय को काफी आराम मिलता है और वो इंसान को पहचानने लग जाती है. गाय को एक कंफर्ट जोन मिल जाता है. यही वजह है कि गांव में रहने वाले लोग, किसान और पशुपालक सिर्फ गाय को पशु की तरह नहीं देखते, बल्कि परिवार के एक सदस्य की तरह ही पालते हैं. बेहतर दूध उत्पादन और पशु को सुरक्षित फील करवाने के लिए भी उन्हें गले लगाने का चलन वर्षों से चला आ रहा है.
इन देशों में चल रही काउ हग थेरेपी
जानकारी के लिए बता दें कि गाय को गले लगाना कोई नया कांसेप्ट नहीं है, बल्कि भारत से लेकर नीदलैंड्स के ग्रामीण इलाकों में काउ हगिंग को थेरेपी बताया गया है. इसे 'को नफलेन' थेरेपी कहते हैं, जिससे गाय के साथ-साथ उसे गले लगाने वाले इंसान का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है.
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